रामरतन पवांर/गढ़वाल ब्यूरो
केदारनाथ धाम मे यात्रा करने वाले तीर्थ यात्रियों को करना पड़ रहा है भारी कठिनाइयों का सामना, इस बावत केदारनाथ विधायक ने मुख्यमंत्री को भेजा ज्ञापन।
केदारनाथ यात्रा की व्यवस्थाओं से केदारनाथ विधायक ही असंतुष्ट, सीएम को भेजा ज्ञापन।
रुद्रप्रयाग: केदारनाथ यात्रा में व्यवस्थाओं को मजबूत और सुगम बनाने को लेकर केदारनाथ विधायक शैला रानी रावत ने प्रदेश सरकार से मांग की है. ताकि यात्रा का संचालन सही तरीके से हो सके।
चारो धाम मे प्रसिद्ध धाम केदारनाथ की यात्रा व्यवस्था मे बेहतर सुधार लाने के लिए केदारनाथ की विधायका श्रीमती शैलारानी रावतप्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और मुख्य सचिव को एक सौपा।
ज्ञापन मे विधायक में कहा कि केदारनाथ यात्रा अपनी चरम सीमा पर है। जिससे कि यात्रा व्यस्थाओं को बेहतरीन और सुखदायक बनाने के लिए और भी प्रयास किये जाने की आवश्यकता है। यात्रा ब्यवस्था मे सुधार लाने हेतू अतिरिक्त वित्त की जरूरत है जिससे कि यात्रा को सरल और सुगम बनाया जा सके ओर यात्रा संचालन को बेहतर तरीके से किया जा सके।
उन्होंने कहा कि रात में केदारनाथ धाम से श्रद्धालुओं के लिए आवागमन पर रोक लगाई जाए क्योंकि रात्रि के समय पैदल मार्ग पर जंगली जानवरों और पत्थर गिरने का भय बना रहता है। गढ़वाल मण्डल विकास निगम की ओर से केदारनाथ में लगाए गए टेंटों की संख्या को सीमित किया जाए, जिससे स्थानीय बेरोजगार अपनी छोटी-छोटी दुकानें और टेंट लगाकर स्वरोजगार के लिए जो यात्रा मार्ग पर हैं का रोजगार चल सकें।
केदारनाथ विधायक शैलारानी रावत का कहना है कि शेरसी से सोनप्रयाग के बीच आये दिन जाम की स्थिति बनी रहती है जिससे कि जाम से निजात दिलाने की समुचित व्यवस्था की जाए. शैलारानी रावत की मांग है कि केदारनाथ यात्रा के सफल संचालन और निगरानी के लिए अलग से मजिस्ट्रेट की नियुक्ति की जाए. व यात्रा व्यवस्था में लगे सभी विभागीय कर्मचारियों से समन्वय स्थापित कर तालमेल बना रहे।
केदारनाथ यात्रा के उचित संचालन के लिए मैन पावर बढ़ाई जाए, जिसमें अतिरिक्त पुलिस बल, एसडीआरएफ, आर्मी और अतिरिक्त पीआरडी जवानों की नियुक्ति की जाए. मंदिर समिति के कर्मचारियों को तीर्थयात्रियों को दर्शन कराने के लिए अतिरिक्त यात्रा व्यवस्था का कार्य भी दिया जाए.
केदारनाथ यात्रा में संचालित घोड़े-खच्चरों को जरूरत के अनुसार लाइसेंस दिया जाय और रजिट्रेशन किया जाए।
गौरीकुंड के घोड़ा पड़ाव में आपदा में बहे पुल का पुनर्निर्माण किए जाने की नितान्त आवश्यकता है, ताकि इस पुल से घोड़ा पड़ाव व पैदल मार्ग इस पुल के निर्माण से घोड़ा पड़ाव व पैदल मार्ग पर घोड़े खच्चरों की अनावश्यक भीड़ को नियंत्रित किया जा सकता है।



