उत्तराखंड के पर्वतीय जनपद जो कि भौगोलिक परिस्थिति के कारण सदैव किसी मूलभूत संसाधनों की कमी से जूझता रहा है जिसके कारण आय अर्जन हेतु पहाड़ से युवा वर्ग रोजगार की तलाश में मैदानी क्षेत्रों की और पलायन करता आ रहा है जिसके फलस्वरूप पहाड़ के गांव के गांव वीरान होते जा रहें हैं
विषम भौगोलिक परिस्थिति के कारण मूलभूत संसाधनों को जुटाने में सरकारी प्रयास उस स्तर तक नहीं पहुंच पाए हैं जिन्हे स्थापित करने का कार्य देश व प्रदेश सरकारों का था। आज स्थिति यह बन गयी है कि मांगों के लिए आंदोलन व आंदोलनों के पश्चात भी कार्य पूर्ण न होने से स्थानीय अपने आप को ठगा महसूस करते हैं उचित मंच न मिलने के कारण भी स्थानीय समस्याओं को पटल पर रखना सम्भव नहीं हो पाता है जिसके लिए मेरे द्वारा हिमालय की आवाज नाम से स्थानीय व समसामयिक के साथ खेती बाड़ी आदि से संबंधित समाचारों को आमजन तक पहुंचाने का निर्णय लिया गया है
सम्पादक
रुद्रप्रयाग