नगरासू में शराब की दुकान कैसे हुई नाम

नगरासू में शराब की दुकान आवंटन पर सुलगते सवाल,
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 नगरासू में शराब की दुकान कैसे हुई नाम । 

बीपीएल कार्ड धारक महिला करवा रहीं अंग्रेजी शराब की दुकान का संचालन रुद्रप्रयाग जनपद के नगरासू-घोलतीर शराब की दुकान का मामला।  

अनुज्ञापी के नाम से नहीं है पूर्ण हैसियत, सह अनुज्ञापी सोनम देवी की लगी है डेड करोड़ रुपए की हैसियत, और सोनम देवी अगस्त, सितम्बर का बीपीएल राशन भी उठा चुकी है।

रुद्रप्रयाग। बीपीएल महिला के द्वारा जनपद रुद्रप्रयाग के नगरासू-घोलतीर में स्थित अंग्रेजी शराब की दुकान का संचालन किया जाना कई सवाल खड़े करती है। जिसमें मुख्य रूप से अभी हाल में ही चल रहे राशनकार्ड सत्यापन और बीपीएल श्रेणी का होने के वाबजूद करोड़ में हैसियत बनाना यह अपने आप में यक्ष प्रश्न खड़ा होता है।  स्पष्ट है की ऐसे में यह स्थिति उजागर हो रही है कि दुकान का संचालन मानकों के विपरित किया जा रहा है। उत्तराखण्ड शासन आबकारी अनुभाग द्वारा जारी अधिसूचना संख्या 176/XXIII-1 /2025 -04 (01) 2025  देहरादून दिनांक 05 मार्च 2025 में वर्णित नियमों का पालन कितना किया गया है यह जनपद रुद्रप्रयाग के नगरासू में स्थित अंग्रेजी शराब की दुकान के आवटंन से स्पष्ट होता है। लगातार इस अंग्रेजी शराब के ठेके की खबरें प्रकाशित होने के बाद भी आबकारी विभाग द्वारा कोई कार्यवाही इस दिशा में नहीं करने से कुछ तो है जैसे सवाल खड़े होंगे ही। 

नगरासू में अंग्रेजी शराब की दुकान का आवंटन वर्ष 2021-22 में अनुज्ञापी सुनील चन्द्र शुक्ला को हुआ था। अंग्रेजी शराब की इस दुकान के आवंटन होने के कुछ समय बाद अनुज्ञापी सुनील चन्द्र शुक्ला की मौत हो गई। अनुज्ञापी की मृत्यु के पश्चात आबकारी विभाग की ओर से इस दुकान को मृतक सुनील चंद्र शुक्ला की माता मिथिला देवी एवं दुकान में कार्यरत कर्मचारी की पत्नी सोनम देवी के नाम पर किया गया है।  सवाल यही से खड़ा होता है कि सोनम देवी बीपीएल कार्ड धारक हैं। ऐसे में दुकान का आवंटन उन्हे किस प्रकार से किया गया। जबकि उत्तराखण्ड शासन आबकारी अनुभाग द्वारा जारी अधिसूचना संख्या 176/XXIII -1 /2025 -04 (01) 2025  देहरादून दिनांक 05 मार्च 2025 में वर्णित नियम 3 के (g) में शराब की दुकान के  नवीनीकरण हेतु स्पष्ट  लिखा है कि 10 करोड़ से कम के राजस्व वाली दुकानों के लिए न्यूनतम वार्षिक आय 05 लाख रूपये व विगत वर्ष  आईटीआर में प्रमाणित होना चाहिए। 

तमाम नियमों को धत्ता बताते हुए दुकान के आंवटन से ये सवाल है जो अनुउत्तरीत रह जाते हैं-

1- बीपीएल कार्ड धारक की हैसियत इतनी अधिक कैसे बन गयी कि शराब के ठेके की दुकान के लिए पात्रता श्रेणी में आ गयी।

2- आबकारी विभाग नगरासु में आंवटित ठेके पर चल रही खबरों  का खण्डन क्यो नही कर रहा यदि अनुज्ञापी की हैसियत नियमों के अनुरूप है तो आबकारी विभाग को स्पष्ट करना चाहिए था कि यह दुकान आंवटन सभी शर्तों को पूरा करती है।

3- हैसियत प्रमाणपत्र बीपीएल कार्ड धारक की इतनी अधिक कैसे बन गयी।

तमाम तरह की खबरों पर विराम कैसे लगेगा यह अब राशनकार्ड  सत्यापन के बाद ही स्पष्ट होगा।



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