प्रतिबंधित कांजल-काठ तस्करी के आरोप में दो तस्कर गिरफ्तार

कांजल-काठ की लकड़ी किस काम आती है,
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 पुलिस की बड़ी कार्रवाई: प्रतिबंधित कांजल-काठ तस्करी के आरोप में दो तस्कर गिरफ्तार।

डुण्डा बैरियर पर चेकिंग के दौरान 597 नग कीमती कांजल लकड़ी बरामद; देहरादून-सहारनपुर ले जा रहे थे आरोपी।

उत्तरकाशी, [आज की तारीख] – जनपद उत्तरकाशी में अवैध वन संपदा की तस्करी पर नकेल कसते हुए पुलिस ने एक महत्वपूर्ण कार्रवाई की है। डुण्डा क्षेत्र में चेकिंग के दौरान पुलिस ने प्रतिबंधित कांजल-काठ की लकड़ी की भारी मात्रा में तस्करी करते हुए एक चालक सहित दो तस्करों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने इन तस्करों के कब्जे से 597 नग अवैध लकड़ी बरामद की है, जिसकी कीमत लाखों में आंकी जा रही है।

🌲 डुंडा बैरियर पर सफलता

पुलिस अधीक्षक के दिशानिर्देश पर, क्षेत्र में अवैध गतिविधियों पर लगाम लगाने के लिए चलाए जा रहे विशेष अभियान के तहत, डुण्डा पुलिस बैरियर पर सघन चेकिंग की जा रही थी। इसी दौरान, एक संदिग्ध वाहन को रोककर उसकी तलाशी ली गई। तलाशी के दौरान, पुलिस टीम ने वाहन के अंदर छुपाकर रखी गई भारी मात्रा में कांजल-काठ की प्रतिबंधित लकड़ी पाई। तस्करों की पहचान उजागर नहीं की गई है, लेकिन यह पुष्टि हुई है कि वे इस लकड़ी को गंगोरी-अगोडा क्षेत्र से अवैध रूप से एकत्र कर रहे थे और इसे देहरादून और सहारनपुर जैसे बड़े शहरों के बाजारों में ले जाने की फिराक में थे।

🌿 कांजल लकड़ी का महत्व

बरामद की गई कांजल लकड़ी का विशेष महत्व है। यह लकड़ी मुख्य रूप से हिमालयी आरक्षित वन क्षेत्रों में पाई जाती है और इसे औषधीय एवं धार्मिक दोनों ही दृष्टियों से अत्यंत मूल्यवान माना जाता है। इसकी बढ़ती मांग के कारण वन क्षेत्रों से इसकी अवैध कटाई और तस्करी एक बड़ी समस्या बन गई है, जिससे जैव विविधता को गंभीर खतरा पहुँच रहा है। इसी कारण, इस लकड़ी के व्यापार पर कड़े प्रतिबंध लागू हैं।

 वन विभाग को सुपुर्दगी और अग्रिम कार्रवाई-

गिरफ्तारी के बाद, पुलिस ने बरामद लकड़ी और दोनों आरोपियों को आगे की कानूनी एवं विभागीय कार्रवाई के लिए तत्काल वन विभाग के सुपुर्द कर दिया है। वन विभाग ने संबंधित धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है और अब इस मामले की गहन जांच शुरू कर दी गई है। जांच का मुख्य उद्देश्य इस तस्करी रैकेट के अन्य सदस्यों और इसके पीछे के बड़े सिंडिकेट का पता लगाना है। पुलिस और वन विभाग की इस संयुक्त कार्रवाई को अवैध वन माफियाओं के लिए एक कड़ी चेतावनी माना जा रहा है। आगे की जांच जारी है

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