बर्फ़ की सफेद चादर ओढ़कर शीतनिद्रा में लीन हुआ हेमकुंड साहिब।
रिकॉर्ड श्रद्धालुओं की उपस्थिति के बाद सर्दियों के लिए बंद हुए पवित्र धाम के कपाट।
चमोली/हेमकुंड साहिब: हिमालय की गोद में बसे सिखों के दसवें गुरु, गुरु गोबिंद सिंह जी की तपस्थली, श्री हेमकुंड साहिब के द्वार आज, शुक्रवार, 10 अक्टूबर को पूरे विधि-विधान और धार्मिक अनुष्ठानों के साथ शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए। इसके साथ ही, परिसर में स्थित ऐतिहासिक लोकपाल लक्ष्मण मंदिर के कपाट भी श्रद्धालुओं के लिए बंद हो गए हैं। पिछले कुछ दिनों से हो रही भारी बर्फबारी के चलते पूरा इलाका बर्फ की मोटी चादर में लिपट गया है, जिससे यहाँ का दृश्य स्वर्ग जैसा प्रतीत हो रहा है।
कपाट बंदी की प्रक्रिया सुबह से ही भक्तिमय माहौल में शुरू हो गई थी। इस साल की अंतिम अरदास (प्रार्थना) में भाग लेने के लिए देश-विदेश से बड़ी संख्या में श्रद्धालु अंतिम जत्थे के साथ घांघरिया और हेमकुंड साहिब में मौजूद थे। सुबह 10 बजे पवित्र गुरु ग्रंथ साहिब के सुखमणी साहिब पाठ से धार्मिक कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ, जिसके बाद गुरबाणी कीर्तन ने पूरे वातावरण को दिव्यता से भर दिया।
हेमकुंड साहिब मैनेजमेंट ट्रस्ट के अध्यक्ष, श्री नरेंद्रजीत सिंह बिंद्रा ने जानकारी देते हुए बताया कि कीर्तन और अंतिम अरदास के उपरांत, दोपहर एक बजे श्री गुरु ग्रंथ साहिब को पूरे सम्मान के साथ सचखंड में विराजमान किया गया और हेमकुंड साहिब के कपाट अगले छह महीनों के लिए बंद कर दिए गए। इससे ठीक पहले, दोपहर 12 बजकर 31 मिनट पर लोकपाल लक्ष्मण मंदिर के द्वार भी वैदिक मंत्रोच्चार के बीच बंद कर दिए गए।
सफल रहा इस वर्ष का यात्रा सीजन
इस वर्ष हेमकुंड साहिब की यात्रा अत्यंत सफल रही। 25 मई को कपाट खुलने के बाद से आज 10 अक्टूबर तक, 139 दिनों के यात्रा काल में 2 लाख 72 हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने इस पवित्र स्थल पर शीश नवाया। यह संख्या अपने आप में एक कीर्तिमान है। यात्रा के अंतिम दिनों में बर्फबारी होने के बावजूद श्रद्धालुओं का उत्साह देखते ही बनता था। अब अगले छह महीनों तक यह पवित्र धाम बर्फ के आगोश में रहेगा और मानवीय आवाजाही के लिए पूरी तरह बंद हो जाएगा। प्रशासन ने भी सुरक्षा की दृष्टि से यात्रा मार्गों पर आवागमन रोक दिया है। उम्मीद है कि अगले वर्ष मई के महीने में जब बर्फ पिघलेगी, तो यह पवित्र यात्रा फिर से आरंभ होगी और श्रद्धालु एक बार फिर इस अलौकिक स्थान के दर्शन कर पाएंगे।