हिमालय की आवाज़
वन विभाग रुद्रप्रयाग को ग्रामीणों का अल्टीमेटम।
गुलदार को आदमखोर घोषित व मारने का आदेश आज जारी नही तो बंधक बनाए जाएंगे वन विभाग के अधिकारी व कर्मचारी।
कार्यालयों में ताला बंदी के साथ साथ विरोध प्रदर्शन को मजबूर होंगे ग्रामीण।
गुलदार के हमलों की घटनाएं लगातार बढ़ने के चलते विकासखंड जखोली के आसपास का क्षेत्र फिर से 30 मई 2025 को श्रीमती रूपा देवी ग्राम डांडा बरसीर को गुलदार द्वारा अपना निवाला बनाएं जाने के बाद क्षेत्र में भय का माहौल बन गया है। मानव वन्यजीव संघर्ष के कारण पहाड़ में पहाड़ जैसी समस्याओं के बीच में हिमालय की तरह अडिग रहने वालों रेबासियों के लिए जीवन जीना अब दुष्वार हो चूका है।
30 मई 2025 को सायं 5 से 6 बजे के लगभग श्रीमती रूपा देवी उम्र 59 साल को खेत मे निराई गुड़ाई करते समय गुलदार ने अपना निवाला बनाकर मौत के घाट उतार दिया था।
रुद्रप्रयाग वन प्रभाग की 05 रेंज में से सिर्फ दक्षिणी जखोली रेंज में ही 10 घटनाएं 30 मई 2025 से 20 फरवरी 2024 तक 15 माह अंतराल पर गुलदार द्वारा महिला व बच्चों पर कर दी हैं जिसमें 02 महिलाओं को बाघ द्वारा अपना निवाला बनाया गया।
गुलदार के हमले की घटनाएं -
01- 30 मई 2025 - श्रीमती रूपा देवी पत्नी श्री रमेश प्रसाद ग्राम डांडा दक्षिणी जखोली रेंज।
02 - 24/02/2025 श्रीमती सर्वश्वरी देवी पत्नी श्री इन्द्रदत्त ग्राम देवल दक्षिणी जखोली रेंज।
03 - 06 दिसंबर 2024 श्रीमती ललिता देवी पत्नी श्री प्रकाश काला पत्नी श्री प्रकाश काला ग्राम मयाली दक्षिणी जखोली रेंज।
04 -31 अक्टूबर 2024 बसंती देवी पत्नी श्री राजेंद्र सिंह ग्राम खरियाल दक्षिणी जखोली रेंज।
05 - 13 अक्टूबर 2024 श्रीमती उर्मिला देवी पत्नी श्री मुरलीधर चमोली ग्राम जयंती दक्षिणी जखोली रेंज।
06- 10 /10 /2024 श्रीमती रैजा देवी पत्नी श्री कीर्तिलाल ग्राम ललूड़ी दक्षिणी जखोली रेंज।
07 - 31/07 /2024 अनीश सिंह पुत्र स्व0 महावीर सिंह ग्राम ढुमकी दक्षिणी जखोली रेंज।
08 - 24/02/2024 श्रीमती दीपा देवी पत्नी श्री अषाढ़ सिंह ग्राम मखेत दक्षिणी जखोली रेंज।
09 - 21/02/2024 श्रीमती गीता देवी पत्नी श्री अनिल सिंह ग्राम मयाली दक्षिणी जखोली रेंज।
10 - 20/02/2024- कार्तिक सिंह पुत्र किशन सिंह ग्राम महरगावं दक्षिणी जखोली रेंज।
यह उपरोक्त घटनाएं 5 किलोमीटर के रेडियस में हो रखी हैं जिसका कारण क्या है यह शोध का विषय है। इन घटनाओं से क्षेत्र में आक्रोश का माहौल बन गया है। वन विभाग को चाहिए कि वन्य जीवों से सुरक्षा व मानव वन्यजीवों के संघर्ष को कम करने के लिए काम करना होगा।
सबसे अधिक आबाद खेती वाला क्षेत्र होने के बाद जंगली जानवरों जिसमें बन्दर ओर सुवर मुख्य है के चलते अधिकतर खेती बंजर हो गयी। गुलदार के हमलों के कारण लोग खेतों में जाने से अब कतरा रहें हैं यह स्थिति बन गयी है कि जो फसल खेत में खड़ी हैं बहुत सी जगह वह भी गुलदार के हमलों की डर से खेत से कटने से रहेगी।
क्या उत्तराखण्ड की सरकार यही चाहेगी कि गावँ के आदमी पलायन करने को मजबूर हों और गावँ में जंगली जानवरों का डेरा बने। चाहे लाख प्रयत्न करें बैठकों के दौर का लेकिन समाधान धरातल पर काम करने से होगा।
इस मौके पर महिला मंगल दल अध्यक्ष चन्दी प्रमिला देवी, शिव प्रसाद थपलियाल, पूजा देवी, उषा देवी, प्यारी देवी, विमला देवी, पुष्पा देवी, शुशील थपलियाल, राज्य आंदोलनकारी सुरेंद्र प्रसाद सकलानी, पूर्व प्रधान मयाली हरीश पुण्डीर, उपप्रभागीय वनाधिकारी डॉ दिवाकर पंत, वन क्षेत्राधिकारी दक्षिणी जखोली हरीश थपलियाल, वन क्षेत्राधिकारी उत्तरी जखोली सुरेंद्र सिंह, उप वनक्षेत्राधिकारी केसी नेंनवाल सहित वन विभाग के कर्मचारी उपस्थित रहे।