त्युंखर गावँ में दो मकानों की दीवार टूटने से सहमे ग्रामीण

बारिश के कहर से सहमे पहाड़,
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 रामरतन पवांर- जखोली

 त्युंखर में दो आवासीय भवनों की दीवारें टूटने से खतरे की जद में आये भवन।

मूसलाधार बारिश के चलते ग्राम पंचायत त्यूंखर मे काश्तकारो की कृर्षि भूमि सहित आवासीय भवन,आँगन व पैदल रास्तो, पेयजल आदि को पहुंचा भारी नुकसान।

श्री महावीर सिंह  कैंतूरा पुत्र प्रेम सिंह व श्री नत्थी लाल पुत्र श्री जवाहरी लाल के रिहायशी मकान को हुआ है बारिश से नुकसान।

ग्राम  प्रधान ने इस बावत तहसीलदार जखोली को गाँव मे हुए नुकसान की जाँच किये जाने की लिखित सूचना दी।

क्षेत्र मे  बर्ष 2023 मे आये आपदा के चलते आज भी शासन-प्रशासन द्वारा नही की गयी कार्यवाही ।

पहाड़ो मे‌ मानसून की बारीश आफत बनकर बरस रही है,लगाया मूसलाधार बारीश के कारण गांव, बाजारो मे भारी सैलाब देखने को मिल रहा है। ज्ञात हो कि ग्राम पंचायत त्यूंखर सहित जखोली विकासखंड के दर्जनों गांवो मे आपदा के चलते काफी जनधन की हानि हुई है।

 ग्राम पंचायत त्यूंखर के अन्तर्गत, बारिश के चलते लोगों के खेत, खलियान आवासीय भवन को‌ नुकसान हुआ है। वैसे तो आपदा कोई नई बात नही है, वर्षो से लगातार दैवीय आपदाओं का होना घटित होना लगातार जारी है ओर 24 अगस्त ‌2022 को‌ भी त्यूंखर गांव मे ऐसे ही आपदा आयी थी। जिसके चलते ग्रामीणो की हजारो हैक्टेयर भूमि तहस-नहस हो गयी थी, साथ ही साथ पैदल रास्ते‌, पुलिया, सम्पर्क मार्ग  भी क्षतिग्रस्त हुए।

जिसमे कुछेक कार्य प्रशासन द्वारा कराये गये लेकिन कुछ रास्ते जो क्षतिग्रस्त हो गये और चलने लायक अभी भी नही हैं, वो जस के तस हैं।

इसका उदाहरण त्यूंखर  गाँव के खेनज्वा तोक मे वर्ष 2022 मे 24 अगस्त को आयी आपदा के चलते त्यूँखर गाँव की खेंज्वा बस्ती के बीच लगभग 30 मीटर पैदल रास्ता क्षतिग्रस्त हो गया था वो आज तक नही बन पाया जबकि इस सम्बंध मे लगातार प्रशासन को अवगत कराते रहे।

    यही नही उपरोक्त लिखित वर्ष मे जखोली विकासखंड मे त्यूँखर, लुठियाग, बुढना, घरड़ा, महरगाँव, कोटी आदि गाँवो मे लोगो की कृषि भूमि सहित आवासीय भवनो, आँगन टूट जाने की घटनाएं हुई थी।

उस दौरान जिला प्रशासन के आला अधिकारी सहित क्षेत्रीय विधायक द्वारा गाँवो का भ्रमण किया गया और पीडित परिवारो को अश्वास्त किया गया कि आपको नुकसान के बदले पूरी भरपाई शासन प्रशासन से दी जायेगी, लेकिन अधिकारी जनता के घावों मे मरहम लगाकर चले गये और फिर वापस लौटकर गाँवो की तरफ नही आये, आज भी जो रास्ते, सिंचाई नहर आज से तीन साल पूर्व मे आयी आपदा मे टूटे वो आज तक नही बने और इस बार की आपदा से हुई क्षति का आंकलन करना तो मुश्किल है, कि कितना नुकसान कहाँ कहाँ हुआ।

वही त्यूँखर मे मूस्लाधार बारीश के तहत एक बार फिर काश्तकारो की कृर्षि भूमि, आवासीय भभवन, पैदल रास्ते क्षतिग्रस्त हुए हैं, जिसकी लिखित सूचना ग्राम प्रधान श्रीमती माधूरी बुटोला ने तहसीलदार जखोली को दे दी है।

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