भालू ने धनकुराली गाँव मे गौशाला तोड़कर दो गायो को बनाया अपना शिकार

जखोली में भालू का आतंक,
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 रामरतन पंवार

विकासखंड जखोली के गाँवो मे भालू का भारी आतंक, गौशालाओ को तोड़ंकर मवेशियो को बना रहा है अपना शिकार।

14 सितंबर की रात्रि को भालू ने धनकुराली गाँव मे गौशाला तोड़कर दो गायो को बनाया निवाला।

जखोली- पहाड़ो पर अब कुछ समय से भालू का आतंक बन रहा है। यूं तो मांस के आलावा सब्जियाँ, फल आदि भोजन भालू की पंसद है। लेकिन बदलते स्वभाव के चलते भालूओ के हमलो ने पहाड़ो पर नयी मुसीबत खड़ी कर दी। 

 अभी हाल मे भालू के द्वारा जखोली के पालाकुराली मे गौशाला तोड़कर गाय को मार गिराया, वही दो परिवारों की उच्छना गांव मे रात के समय गौशाला तोड़कर गाय को मार दिया था साथ ही एक सप्ताह पूर्व ग्राम पंचायत पालाकुराली मे भी भालू ने एक गाय को जान से मारा व भैस को घायल किया था । अभी भी भालू  द्वारा गौशालाओ को तोड़कर गाय, भैस को मारने का सिलसिला जारी है।

 वही आज सुबह धनकुराली के पूर्व प्रधान धूम सिह राणा ने बताया कि कल रात को भालू ने पांखू देवी पत्नी सूरत सिह ग्राम पालाकुराली की गौशाला को  तोड़कर एक दुधारू गाय सहित एक और गाय को मार गिराया, जिसकी सूचना वन विभाग को दी गयी।

पहाड़ो मे यह कोई नयी घटना नही हैं लेकिन चिंता  भालू के उस बदलते हुए स्वभाव को देखकर बढ रही है। जो उसे आक्रामक शिकारी के रुप मे पहचान दिला रहा है।

ग्रामीणों का कहना है की भालू गौशालाओ को तोड़कर मवेशियो को  निवाला बना रहा है, जिसे गाँवो मे दहशत का माहौल बना हुआ है। भय इतना है कि बच्चे स्कूल जाने से भी कतरा रहे हैं।

हिमालय की आवाज का पर्वतीय क्षेत्र के सभी पाठकों से आग्रह है कि जंगली जानवरों का स्वभाव परिवर्तन निश्चित रूप से हुआ है। मानव वन्यजीव संघर्ष की घटनाओं को कम करने के उपाय जिसमें मुख्य रूप से-

1- अपने निवास स्थल के आसपास उगी झाड़ियों की सफाई।

2- अकेले जंगल या सुनसान रास्तों पर न जाएं।

3- रात्रि के समय उजाले की व्यवस्था बनाकर रखें।

4- वन विभाग के द्वारा दी जा रही जानकारियों का प्रचार प्रसार करें।

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