गुलदार प्रभावित क्षेत्र में टपकती छत के नीचे कैसे बनेगा देश का भविष्य।
राजकीय प्राथमिक विद्यालय जयन्ती के भवन की छत जीर्णशीर्ण अवस्था किसी बड़े हादसे का कारण बन सकती है।
रुद्रप्रयाग- विकासखण्ड जखोली के मयाली गुप्तकाशी मोटरमार्ग पर स्थित राजकीय प्राथमिक विद्यालय जयन्ती के विद्यालय भवन को वर्तमान में हुई अतिवृष्टि के चलते खतरा उत्पन्न हो गया है। दिनांक 27 जून 2025 से हो रही लगातार अतिवृष्टि के कारण विद्यालय की चारदीवारी का कुछ हिस्सा टूट गया और कुछ हिस्सा झुक गया है। चारदीवारी के झुकने से बच्चों को खतरा है क्योंकि विद्यालय आने का मार्ग चारदीवारी से होकर जाता है। 2 कक्षा कक्षों के भवन के 1 कमरे में अत्यधिक सीलन ओर छत टपकने के कारण इस कक्ष में पठन-पाठन कार्य नही होता और दूसरे कक्ष की छत से गिरते लगातार पानी के कारण इस कक्षा कक्ष का भी प्रयोग नही होता।
इसे विडंबना कहें या आमजन के प्रति बेरुखी जिस विभाग की जिम्मेदारी देश के भविष्य निर्माण का है वही विभाग देश के भविष्य नौनिहालों की शिक्षा के प्रति कितना जबाबदेह है इसका उदाहरण - प्राथमिक विद्यालयों में अमूमन एकल अध्यापक की व्यवस्था है। एकल अध्यापक के भरोसे जो विद्यालय हैं उनमें मिड डे मिल की व्यवस्था हो विभागीय पत्राचार, प्रशिक्षण से लेकर विद्यालय की साफ सफाई तक सब एक अध्यापक के भरोसें है तो देश भविष्य जिनके कंधों पर देश के निर्माण का जिम्मा होगा उनकाबुद्धि विकास कैसे होगा इतना अधिक काम होगा तो एकल अध्यापक पठन पाठन कब करेंगे।
इस विद्यालय में आंगनबाड़ी केंद्र भी संचालित हो रहा है आंगनबाड़ी में 3 बच्चे पंजीकृत हैं। जयन्ती गावँ में आंगनबाड़ी केंद्र का भवन ही नही है तो स्वभाविक है आंगनबाड़ी के बच्चे इसी प्राथमिक विद्यालय में आएंगे क्योंकि दो पंचायत भवनों की स्थिति भी दयनीय होने के चलते कोई अन्य व्यवस्था गाँव मे आंगनबाड़ी संचालित करने के लिए नही है।
आलम यह है कि बच्चे कक्षा कक्षों में न बैठकर बरामदे में पढ़ाई करते हैं पर बरामदे की छत भी में भी रिसाव की समस्या है।
सुझाव- सरकार को चाहिए कि उत्तराखंड में प्राथमिक विद्यालयों में-
1- प्राथमिक विद्यालयों में कम से कम 3 अध्यापक की नियुक्ति की जाए।
2- प्रत्येक प्राथमिक विद्यालय में लेखाकार की व्यवस्था हो जिससे अध्यापन कार्य सुचारू रूप से हो सके।
खण्ड शिक्षा अधिकारी जखोली यशवीर रावत से वार्ता होने पर बताया गया कि दिनाँक 03 सितंबर 2025 को मुख्य शिक्षा अधिकारी रुद्रप्रयाग की अध्यक्षता में बैठक का आयोजन किया गया था जिसमें जनपद रुद्रप्रयाग में 63 विद्यालयों में प्रथम चरण का कार्य पूर्ण हो चुका है जिसमें पटवारी व तहसीलदार की रिपोर्ट मिल चुकी है। शेष के लिए सम्बंधित खण्ड शिक्षा अधिकारी व उपखण्ड़ शिक्षा अधिकारी तथा सम्बंधित पटवारियों को दिए गए हैं।




