करोड़ों के गबन से आसमान ताकते निवेशकों को कब मिलेगा न्याय

LUCC द्वारा किये गए गबन की धनराशि कब मिलेगी वापस,
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LUCC के मठाधीशों द्वारा   द्वारा करोड़ों के गबन से आसमान ताकते निवेशकों को कब मिलेगा न्याय।

अचीवर ओर लीडरों की फ़ौज ने ली मौज ओर आम निवेशक ठगा हुआ आत्महत्या तक करने को मजबूर।

बहुचर्चित कोऑपरेटिव सोसाइटी एलयूसीसी घोटाले को लेकर लगातार चल रहे धरने प्रदर्शन श्रीनगर गढ़वाल में 160 दिन से अधिक समय से पीपलचोंरी स्थान व ऋषिकेश, देहरादून, कोटद्वार में लगातार चल रहे धरना प्रदर्शन, मुख्यमंत्री धामी से पीड़ितों की भेंट, से अभीतक कोई समाधान नही निकलने से निवेशकों में मायूसी छाई है और सरकार के प्रति रोष भी इस बात को कहकर जाहिर कर रहे हैं कि कम्पनी कृषि मंत्रालय भारत सरकार में रजिस्टर्ड थी जो इतने लंबे समय से अपने सुविधा केंद्रों को प्रदेश की राजधानी समेत कई बाजारों में खुले आम खोल कर बैठे थे तो इनपर किसी भी एजेंसी की नजर क्यो नही गयी क्यो इनपर RBI की नजर नही गयी अगर रजिस्टर्ड न होते तो कबकी पकड़ी जाती कम्पनी।

LUCC  ग्राहकों का लगभग 800 करोड़ का पैसा गबन कर चुकी है। आलम यह है कि LUCC द्वारा एम्बुलेंस की खरीद भी की गई थी जो अब झाड़ियों में मिल रही है। सोसाइटी की एक एंबुलेंस देहरादून के डोईवाला स्थित रेडियंट स्कूल के पीछे एक प्लॉट में खड़ी मिले जिसमें के मौके पर जाकर पीड़ित लोगों ने वीडियो और फोटोग्राफी के उसके बाद पुलिस को इसकी सूचना दी गई और पुलिस रात के 11:30 मौके पर पहुंचे अभी तक एंबुलेंस उसी जगह पर खड़ी है। इससे स्पष्ट होना मुश्किल हो गया कि इतनी बड़ी प्लानिंग से LUCC को सिर्फ निवेशकों को ठगने के लिए बनाया गया तो इसकी भनक क्यो नही लग पाई।

LUCC सोसाइटी के सुविधा केंद्रों में RD FD के रूप में पैसे जमा होते थे और एक निश्चित टारगेट पूरा होने पर अचीवर की घोषणा होती थी। मासिक लक्ष्य  दिए जाते थे और जो भी एजेंट टारगेट पूरा करता था वह अचीवर बन जाता था जिस हिसाब से लक्ष्य आंवटित होते थे।  कभी महंगी महंगी गाड़ियां, महंगे होटलों में खाना, विदेश यात्रा यह लोगों ने प्रलोभन दिए जाते थे ओर अचिवरों ने यह लाभ अर्जित भी किया।

धरना स्थल पर निवेशकों का स्पष्ट कहना है कि इतने बड़े जन समूह की आवाज़ से कोई प्रभाव नही पड़ रहा है तो दबी कुचली जुबान ओर असहाय आवाज़ को कैसे पंख लगेंगे जब अरबों रुपये लूट कर भगोड़ा बन गयी वह कम्पनी जिसे सरकार के द्वारा परमिशन देकर रजिस्टर्ड किया गया था। जिम्मेदार सरकार है और सरकार का चुनाव हम आमजन ने किया है तो सरकार किसकी सुनेगी ये 160 दिन से धरनास्थल पर सत्तारूढ़पार्टी के कोई जिम्मेदार नेता का न पहुंचने से भी निवेशकों में अत्यधिक रोष बना हुआ है।

धरना दे रहे निवेशकों का कहना है कि सरकार जल्द जल्द निवेशकों का पैसा लौटने के लिए सोसायटी के ज़िम्मेदार ओर जिसने भी निवेशकों का पैसा गबन किया उनकी सम्पत्ति कुर्क कर नीलामी की कार्यवाही कर महिलाएं जो मानसिक और आर्थिक रूप से टूट चुकी है उनके हितों की रक्षा करने में अपना सहयोग दे।

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