हिमालय की आवाज
जनपद रुद्रप्रयाग में कितने हैं इस राजू की तरह अन्य फर्जी शिक्षक।
आखिर अपने विभाग के सभी कर्मचारियों की डिग्री जांच करने में क्यो आँखों पर पट्टी बांधे है शिक्षा विभाग
फर्जी डिग्री मामले मे अदालत ने एक शिक्षक को दोषी करार पाते हुए सुनाई पांच साल की कठोर कारावास की सजा।
आखिरी शिक्षा विभाग मे फर्जी शिक्षको का पाया जाना लगातार जारी है। आपको बता दे कि बीएड की फर्जी डिग्री से शिक्षा विभाग मे नौकरी पाने वाला शिक्षक राजू लाल को अदालत ने पांच साल की कारावास की सजा सुनाई है।
अदालत ने शिक्षा विभाग मे फर्जी शिक्षको को लगातार मिलने का सिलसिला देखते हुए न्यायालय ने शिक्षा विभाग की घोर लापरवाही व अधिकारियों का गैर जिम्मेदाराना रवैया के प्रति कार्यवाही करने के निर्देश भी दिए। साथ ही न्यायालय फर्जी शिक्षक को पांच साल की कारावास की सजा सुनाते हुए पुरसाड़ी जेल भेज दिया तथा 10 हजार रुपए जुर्माना वसूलने के निर्देश भी दिये। राजू लाल लम्बे समय से शिक्षा विभाग मे नौकरी कर रहा था,और एस आई टी की जांच के बाद इसका खुलासा हुआ।
एसआई टी एव शिक्षा विभाग जांच को ले कर बी एड की जब वर्ष 2003 की डिग्री के अभिलेखों का सत्यापन किया गया तो शिक्षक की डिग्री फर्जी पायी गयी, जिसका खुलासा चौधरी चरण सिह विश्वविद्यालय मेरठ से हुआ कि शिक्षक ने चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ से कोई डिग्री हासिल की ही नही। शिक्षाविभाग ने शिक्षक को तत्काल निलम्बित कर मुकदमा दर्ज करवा कर अदालत मे पेश कर दिया।