हिमालय की आवास।
गैरसैंण विधानसभा सत्र के दौरान द़ंगा फसाद करने वाले उपद्रवियों के लिए लाया गया था विधेयक।
विधेयक को राज्यपाल की संस्तुति हेतु भेजा गया था राजभवन, जहाँ राज्यपाल से मिली मंजूरी।
अभी हाल मे ही गैरसैंण विधानसभा सत्र के दौरान प्रदेश सरकार ने अध्यादेश के तौर एक विधेयक पारित किया था और वो कानून था दंगारोधी कानून। यानी दंगा फसाद करने वाले उपद्रवियो पर नकेल कसी जा सके।
विधायिका ने राज्यपाल की मंजूरी के लिए विधेयक को राजभवन भेजा था। इस कानून के तहत हड़ताल, दंगों, बंद और आंदोलनों में सरकारी के साथ-साथ निजी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने वालों से वसूली की जाएगी।
इसके संबंध में एक दावा अभिकरण का गठन किया जाएगा। इसमें कोई भी व्यक्ति और सरकारी संपत्तियों का प्राधिकारी इस दावा अभिकरण में अपना दावा पेश कर सकेगा।
इस दावे का निपटारा भी निश्चित समय अवधि में होगा, ताकि जल्द से जल्द नुकसान की भरपाई नुकसान करने वाले से हो सके। दंगे की स्थितियों में सम्पत्तियों को नुकसान पहुंचाने पर किसी की भी जबाबदेही सुनिश्चित न होने के चलते सरकारी या निजी सम्पत्तियों के नुकसान होने पर कोई भरपाई का कानून न होने से दंगाईयों द्वारा नुकसान पहुंचाया जाता रहा है जो कि अब नही होगा।