उत्तराखण्ड में निकाय चुनाव की समयावधि अब 3 माह बढ़ी

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 उत्तराखण्ड में निकाय चुनाव की समयावधि अब 3 माह बढ़ी।

हाईकोर्ट ने भी निकाय चुनावों को जल्दी कराने को कहा था। प्रशासकों का कार्यकाल 31 मई 2024 को हो गया था समाप्त।

उत्तराखंड में होने वाले आगामी निकाय चुनावों पर चल रहे लगातार संशय की स्थिति अब कुछ हद तक स्पष्ट हुई है।

लंबे समय से लटकते आ रहे नगर निकायों के।चुनाव की बात सितंबर अक्टूबर में करवाने की बात सरकार के द्वारा हाईकोर्ट में कही गया थी कि निकाय चुनावों की तैयारियां की जा रही हैं। शासन द्वारा ओबीसी आरक्षण के निर्धारण आदि की प्रक्रिया को किया जा रहा है।

निकाय चुनावों के दृष्टिगत नगर निकायों में नए सिरे से ओबीसी आरक्षण का निर्धारण, नोटिस मिलने के बाद अध्यक्ष के अधिकार सीज होने, चुनाव लड़ने के लिए दूसरी सन्तान जुड़वा  होने पर उसे एक इकाई मानने जैसे बिंदुओं पर निकाय अधिनियम में संसोधन के लिए सरकार अध्यादेश को मंजूरी दे चुकी है और इसकी सूचना भी जारी हो चुकी है।

लेकिन सरकार अब तक निकाय चुनावों को अंतिम पायदान तक पहुंचाने की प्रक्रिया न कर पाने के कारण नतीजन लगातार नगर निकाय के चुनाव कराने की कोई तिथि स्पष्ट नही हो पा रही है।

हाईकोर्ट ने भी इस मामले पर सुनवाई करते हुए जल्दी निकाय चुनाव हेतु दिशा निर्देश जारी किए थे। सरकार द्वारा हाईकोर्ट में प्रशासकों के कार्यकाल को भी नही बढ़ाये जाने की बात को रखा गया था जिसमें की प्रशासकों का कार्यकाल 1 दिसम्बर 2023 को बोर्ड का कार्यकाल खत्म होने से 31 मई 2024 तक 6 माह तक पूरा हो गया था। ऐसे संवैधानिक संकट के चलते अब प्रशासकों का कार्यकाल 3 माह बढ़ा दिया गया है

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