गर्भवती ने बीच रास्ते में दो नवजात को दिया जन्म, एक की मौत

स्वास्थ्य सुविधा की कमी, पलायन का कारण,
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 गर्भवती ने बीच रास्ते में दो नवजात को दिया जन्म, एक की मौत।

स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव में दुकान की गैलरी में गर्भवती द्वारा बच्चे को जन्म देना, नीति नियन्ताओं को कभी नही झकझोर पायेगा।

 आखिर क्यो स्वास्थ्य शिक्षा और रोजगार पर आजादी के 7 दशक पूरे होने ओर 8वां दशक भी पूरा होने को है के बाद भी इनपर कोई विशेष ध्यान न देने के कारण आज ये दिन भी आ गए कि गाँव आज पलायन की पीड़ा से कराह रहे हैं और शहर आबाद हो गए। गाँव मे जो लोग हैं उनको जंगली जानवरों से भय और स्वास्थ्य सुविधाओं के टोटे ने पलायन को मजबूर होने को बाध्य होना पड़ रहा है।

जनपद उत्तरकाशी के यमुनोत्री धाम से लगे राना चट्टी अस्पताल में समय पर गर्भवती महिला को उचित सुविधा न मिलने पर शनिवार के दिन गर्भवती महिला को दुकान की गली में ही नवजात को जन्म देना पड़ा। नवजात की मौके पर ही मौत हो गई। महिला ने एक और बच्चे को 108 वाहन के भीतर अस्पताल जाते हुए रास्ते में जन्म दिया। दूसरी बच्ची व गर्भवती सुरक्षित है। जच्चा-बच्चा को सुरक्षा के लिहाज से देहरादून रेफर किया गया है। यह अत्यंत चिंतनीय विषय है कि मानक को बनाते समय भौगोलिक स्थिति को भी देखना होगा कि उचित स्वास्थ्य सुविधा कैसे मिल सके। यदि मानक ही देखने तो पहाड़ी राज्य का दर्जा क्यो दिया गया है। पहाड़ का स्पष्ट अर्थ है विकट भौगोलिक परिस्थिति वाला क्षेत्र तो हमारी क्या जबाबदेही बनती है।


प्राप्त जानकारी के अनुसार यमुनोत्री क्षेत्र से लगे गीठ पट्टी के बनास गांव की 21 वर्षीय नीलम पत्नी महेश को प्रसव पीड़ा हुई। प्रसव पीड़ा होते ही परिजनों ने 108 को फोन किया। लेकिन जब तक 108 पहुंचती इससे पूर्व ही वह राना चट्टी पहुंचे। जहां उन्होंने राना चट्टी एएनएम सेंटर में महिला को भर्ती कराया। लेकिन बताया गया कि उन्हें वहां एएनएम नहीं मिली। परिजन महिला को लेकर एक बस में बैठकर बड़कोट को निकले। जहां रानाचट्टी के पास महिला की प्रसव पीड़ा ज्यादा बढ़ गई और वह बस से उतरी और पास के दुकान में बैठ गई। जहां पर उसने पहले बच्चे को जन्म दिया। जिसकी मौके पर ही मौत हो गई। इसके बाद परिजनों ने 108 की मदद से उसे बड़कोट सीएससी के लिए रवाना करवाया, जहां स्याना चट्टी के पास पहुंचते ही महिला ने 108 के अंदर ही दूसरे बच्चे को भी जन्म दे दिया।

इसके बाद बड़कोट सीएचसी पहुंचते ही उन्हें उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां प्राथमिक उपचार करने के बाद दोपहर में उन्हें हायर सेंटर देहरादून रेफर किया गया है। सीएचसी के प्रभारी चिकित्साधिकारी डा अंगद सिंह राणा ने बताया समय से पहले ही महिला की डिलीवरी हो गई। इस कारण एक बच्ची की मौत हो गई। महिला के पेट में दो बच्चे थे। दूसरी बच्ची और मां अभी ठीक है। दोनों को उचित देखभाल के लिए दून रेफर किया है।

स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव में अनेकों घटनाएं पहले भी घटित हो रखी हैं जिसके लिए सरकार को चाहिए कि स्वास्थ्य और शिक्षा पर विशेष ध्यान देकर व्यवस्थाओं को चाक चौबंद किया जाए।

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