खतरनाक तरीके से नदी पार कर रहें गाँव के लोग ।
आखिर क्यों पहाड़ खाली हो रहे की चिंता वातानुकूलित कमरों में बैठकर करने वालों को भी यह विडिओ देखना चाहिए की एक कारण यह भी है।
सिस्टम जब अपंग हो तो सिस्टम को आइना दिखाकर अपने कर्तव्य की याद दिलाई जाती है। एक तरफ सरकार पलायन के लिए चिंतित है अब कितनी चिंतित है यह सरकार का पलायन आयोग जब सुविधाओं के अभाव के कारण खुद पलायन कर गया तो स्पष्ट है की चिंता का कारण बड़ा था। पहाड़ में रहकर पलायन कारणों और समाधान पर चिंतन नहीं हो सकता था क्योंकि साधनों का अभाव था तो पलायन आयोग खुद ही पलायन करके मिशाल बना गया।
सोशियल मिडिया पर कपकोट तहसील के अन्तर्गत किलपारा और कुंवारी गांव के ग्रामीणों द्वारा निर्माणाधीन पुल को पार करने कि खतरनाक विडियो लोग खूब देख रहें हैं और इस विडिओ को देखने के बाद तंत्र की क्या छवि दर्शकों के मन में बन रही होगी यह विडिओ देखकर पाठक खुद अनुभव क्र सकतें हैं।
आपको बता दे, कपकोट के दूरस्त गाँव किलपारा और कुंवारी गांव के संपर्क के लिए शंभू नदी पर गार्डर पुल का निर्माण लंबे समय से किया जा रहा है, और निर्माण कार्य कब पूरा होगा यह समय ही बताएगा।
विडियो में देखा जा सकता है, निर्माणाधीन पुल अभी अस्तित्व में नही आ पाया है, आधे अधूरे पुल से कुछ ग्रामीण यात्रा कर रहे है, जो बेहद खतरनाक है, जरा सी चूक किसी भी ग्रामीण कि जान ले सकती है। पहाड़ का निवासी होना ऐसे खतरनाक रास्तों पर चलना बहादुरी नहीं कह सकतें हैं। जान जोखिम में डालना ये किसी भी तरिके से उचित नहीं ठहराया जा सकता है अतः स्थानीय प्रशासन को इस तरह लोग आवाजाही न करें के लिए ठोस कदम उठाने होंगे।