भारी बारीश के चलते 40 साल पुराना निर्मित मकान का आधा हिस्सा हो गया था क्षतिग्रस्त- बड़े हादसा होने का इन्तजार कर रहा है प्रशासन

मुख्य बाजार फतेड़ू मे दो सप्ताह पूर्व भारी बारीश के चलते 40 साल पुराना निर्मित मकान का आधा हिस्सा हो गया था क्षतिग्रस्त
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 रामरतन पवांर//गढ़वाल ब्यूरो

मुख्य बाजार फतेड़ू मे दो सप्ताह पूर्व भारी बारीश के चलते 40 साल पुराना निर्मित मकान का आधा हिस्सा हो गया था क्षतिग्रस्त।

तहसील प्रशासन जखोली ने भारी खतरे को देखते हुए भवन स्वामी को तोड़ने से संमन्धित दिया था नोटिस।

बावजूद न प्रशासन ने कोई ध्यान दिया, न मकान मालिक। अब बड़े हादसा होने का इन्तजार कर रहा है प्रशासन।

जखोली। विकासखंड जखोली के अन्तर्गत ग्राम पंचायत बुढ़ना के  (फतेड़ू)  मे 5 जौलाई  को भारी  मुसलाधार बारिश के चलते कलम सिह पुत्र गैणा सिह का तीन मंजलि मकान का आधा हिस्सा  क्षतिग्रस्त हो गया था । कलम सिह का यह मकान फतेड़ू मुख्य बाजार मे स्थित है ।वर्तमान मे इनके द्वारा इस क्षतिग्रस्त भवन के कुछ कमरे  किराये पर दे रखे हैं जिन कमरो मे दुकाने संचालित की जाती है, अगर इसी प्रकार से बारिश का सिलसिला जारी रहा तो मकान पूर्ण रुप से क्षतिग्रस्त हो सकता है।

  जबकि जखोली तहसील प्रशासन सहित आपदा टीम द्वारा इस भवन का निरीक्षण किया गया। जिसके बावजूद इस भवन मे संचालित हो रहे दुकानदारो को यथाशीघ्र दुकाने खाली करने से समन्धित नोटिस भी दे दिये गये लेकिन दो सप्ताह का समय बीत जाने के बावजूद भी दुकानों को खाली नही किया, मात्र एक दुकान को खाली कर दिया  गया।जबकि प्रशासन ने भवन स्वामी को इस मकान को स्वयं तोड़ने के आदेश भी दे दिये गये लेकिन अभी तक इस भवन को नही तोड़ा गया। यह भवन लगभग 40 साल पुराना है और जीर्णशीर्ण स्थिति मे है । इस भवन को लेकर तोड़ना अतिआवश्यक हो गया है।

इसी भवन के ठीक नीचे से बुढ़ना इंटर कालेज सहित बुढ़ना गांव के लिए पैदल रास्ता भी जाता है इस रास्ते से दर्जनों छात्र/छात्राएं विद्यालय जाते, आते है, जिस कारण से बारिश के दौरान टूटने से बड़ा हादसा हो सकता है।

वही बुढना के ग्राम प्रधान श्रीमती आरती देवी का कहना है कि प्रशासन के नोटिस देने के लिए बावजूद भी दुकानों को खाली न करना, व भवन स्वामी द्वारा नोटिस देने के बावजूद भी इस बात को गंभीरता से न लेना सीधे तौर पर तहसील प्रशासन के आदेश की अविभेलना है।

 ग्राम प्रधान का ये भी कहना है कि अगर भवन स्वामी अपने आप मकान को नही तोड़ता है तो फिर प्रशासन को स्वयं तोड़ देना चहिए था, लेकिन आलम ये है कि तोड़ना तो बड़े दूर की बात है पर उसके बाद प्रशासन ने वहां आना मुनासिब नही समझा। लोगो का कहना है कि अगर प्रशासन या मकान मालिक इस जीर्ण शीर्ण भवन को नही तोड़ते है तो किसी भी समय एक बड़ी अनहोनी हो सकती है।

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