बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर नरकोटा में सिग्नेचर पुल बनने से पहले ही हुआ जमींदोज निर्माणदायी संस्था पर उठ रहे सवाल।
पूर्व में भी 20 जुलाई 2022 को इस पुल के एक हिस्से का बेस बनाते हुए लोहे का ढांचा गिर गया था जिसमें 2 लोगों की मृत्यु ओर 8 मजदूर घायल हुए थे।
रुद्रप्रयाग। ऋषिकेश-बदरीनाथ हाईवे पर नरकोटा के पास बन रहा नया पुल गुरुवार सांय अचानक धरासाई हो गया। पुल टूटने के दौरान यहां मजदूर काम कर रहे थे किंतु शुक्र रहा कि सभी मजदूर अभी सुरक्षित बताए जा रहे हैं किसी तरह कोई जानमाल के नुकसान की खबर नहीं आ रही है। एक ओर उत्तराखंड के विकास के दावे किए जा रहे है वहीं कार्यदायी संस्था और एनएच लोनिवि की कार्यशैली भी सवालों के घेरे में आ गई है।
गुरुवार सायं 4 बजकर 10 मिनट पर पुल टूटा तो आसपास के लोग यहां जमा हो गए। सूचना मिलने पर जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार के साथ ही प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंच रहे हैं।
आल वेदर सड़क परियोजना के तहत ऋषिकेश-बदरीनाथ हाईवे पर नरकोटा में उत्तराखंड राज्य का पहला घुमावदार पुल बनाया जा रहा था। ऑल वेदर रोड परियोजना के तहत 64 करोड़ की लागत से 110 मीटर लंबे पुल का निर्माण जोरों पर चल रहा था ।
इस पुल का निर्माण कार्य शुरू होने के समय 20 जुलाई 2022 को ही बड़ी दुर्घटना हुई थी जिसमें लोहे के ढांचे के गिरने से 2 मजदूरों की मृत्यु और 8 मजदूर घायल हुए थे। इससे सबक न लेकर निर्माणदायी कम्पनी द्वारा की गयी लापरवाही से आज निर्माणाधीन पुल का एक हिस्सा जमींदोज हो गया है।