ग्रामीणों ने स्वयं के संसाधनों से बनाया पैदल सी सी पुलिया,शासन प्रशासन को दिखाया आईना

आदर्श गांव का दर्जा देने के बाद लुठियाग मे विकास कार्यों के ऐसे हालात क्यों,
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 रामरतन पवांर/गढ़वाल ब्यूरो।

आदर्श गांव का दर्जा मिलने के बाद भी लुठियाग गांव मूलभूत समस्याओं से आज भी वँचित।

ग्रामीणों ने स्वयं के संसाधनों से बनाया पैदल सी सी पुलिया, शासन प्रशासन को दिखाया आईना।

जखोली-डबल इजंन की सरकार होने के बावजूद भी दूरस्थ सीमांत गांव अनेक मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं ओर विकास के नाम पर केवल शासन-प्रशासन ढिढ़ोरा पीट रहा है। विकास कार्यों का सरकार द्वारा प्रचार प्रसार करवाया जा रहा लेकिन जनता को सुविधा के नाम से पर ठेंगा दिखाया जा रहा है।

यहाँ तक की सरकार जनता के द्वार के माध्यम से जन समस्याओं को सुनने हेतु अधिकारी विकास कार्यों की समीक्षा करने व समस्याओं को सुनने गांव गांव जा रहे हैं, इसके बावजूद भी समस्याओं का समाधान नही हो पा रहा।

आपकी जानकारी के लिए बता दे कि ग्राम पंचायत लुठियाग (चिरबटिया) जो कि जनपद टिहरी व रुद्रप्रयाग की सीमा पर बसा है आज भी अनेक समस्याओं  दंश झेल रहा है

लुठियाग के खल्वा नामी तोक जहाँ वर्तमान समय मे लगभग 35 परिवार निवास करते है, और चिरबटिया से लगभग चार किलो मीटर की दूरी पर बसा है, ये परिवार इस युग मे भी सड़क से वंचित है ग्रामीणों द्वारा अपनी आजीविका से सम्बंधित वस्तुओं को पीठ के बल पर पैदल रास्ते से लेकर ले जाने को मजबूर हैं।

ग्राम प्रधान दिनेश कैन्तूरा, उपप्रधान त्रिलोक सिह कैन्तूरा, पूर्व प्रधान रुप सिह मैहरा का कहना है कि खल्वा मे पैदल मार्ग पर सी सी पुलिया की नितांत आवश्यकता थी, जिसका प्रस्ताव ग्राम पंचायत द्वारा वर्षों से जिलाप्रशासन व जनप्रतिनिधियों को देते रहे लेकिन पुल के बजाय निराशा हाथ लगी।

तब ग्रामीणों के द्वारा स्वयं के संसाधनों से चंद इकट्ठा कर व श्रमदान करके प्रशासन को ठेंगा दिखा कर कम समय ये पुल को तैयार कर लिया।

सबसे बड़ा सवाल कि ग्राम पंचायत लुठियाग को आदर्श गांव भी दर्जा सरकार मे मिला है फिर भी सरकार को इस आदर्श गांव मे विकास कार्यों की याद नही आयी आखिर ऐसे क्यों।

ग्रामीणों का कहना है कि    दूरसंचार के माध्यम से पुल निर्माण सम्बन्धित बात जिला पंचायत अध्यक्ष अमरदेई शाह से करनी चाही लेकिन उन्होंने भी काल नही उठायी।

जब शासन प्रशासन जनप्रतिनिधियों से लोग हार मान जाते तब पहाड़ के लोग खुद कुदाल फावड़ा लेकर खुद ही अपने लिए रास्ता तैयार करते हैं हर पांच साल में चुनाव आते हैं और नेता जनप्रतिनिधि वादा करके अपना उल्लू सीधा करके चले जाते हैं।  लेकिन जनता ठगी की ठगी रह जाती है । ऐसा ही कुछ देखने को मिला जनपद रूद्रप्रयाग के जखोली ब्लॉक के ग्राम सभा लुठियाग का खल्वा नाम तोक हैं जहां आज भी लोग मूलभूत सुविधाओं के लिए दरदर भटक रहे हैं । खल्वा तोक में 35 परिवार हैं इन परिवारों के कुल 25 बच्चे गाड गदेरे घने जंगलों के बीच में जान हथेली पर रखकर स्कूल जाते हैं

 आलम यह है कि जिस गदेरे को पार करते हुए मासूम स्कूल जाते वहां पुल की सुविधा तक नहीं है  क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों को बार बार कहनें पर उनके कान में जूं तक नहीं रेंगा और जनप्रतिनिधियों ने सिर्फ अश्वासन दिया  जब स्थानियों को शासन प्रशासन से निराशा हाथ लगी तो लुठियाग खल्वा के लोगों ने हिम्मत ना हारी बल्कि अपने अंदर  का जूनून जगाया  और उनहोंने सरकार को आईना दिखाते हुए खुद अपने संसाधनों और गांव के प्रत्येक व्यक्ति से चंदा जुड़ाकर मात्र 15   दिन के कम समय में पुल बनाकर तैयार कर दिया । 

    पुल निमार्ण के लिए प्रत्येक परिवार के एक आदमी ने श्रमदान किया और इतना ही नहीं अपनी खून पसीना की एक एक पाय जोड़कर चंदा इकट्ठा किया और पुल का निमार्ण पूरा कर दिया जब इस बात को लेकर रैबार पहाड़ का टीम ने ग्राम सभा प्रधान दिनेश कैंतुरा से संपर्क किया तो उन्होंने कहा कि हमने पुल के लिए प्रस्ताव आगे ब्लॉक में भेजा है जबकि वार्ड मेंबर भगवान सिंह मेहरा ने कड़ी नाराजगी जताते हुए कहा कि कई बार प्रस्ताव भेजने के बाद भी ना ग्राम प्रधान ने और ना प्रशासन जनप्रतिनिधियों ने इस बात को गंभीरता से लिया जिसके चलते हमने निर्णय लिया कि हम सब लोग मिलकर खुद पुलिया का निर्माण करेंगे और आज पुलिया का निर्माण हो गया।

    पूर्व उप प्रधान खजान मेहरा ने कहा कि बार बार कोशिश की लिखित दिया  लेकिन  किसी ने गंभीरता से नहीं लिया हमने  रुद्रप्रयाग की जिला पंचायत अध्यक्ष अमरदेई शाह से फोन पर बात करने की कोशिश की लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया अब देखना होगा की इस खबर के बाद शासन प्रशासन का क्या रुख रहता है। आखिर आदर्श गांव का दर्जा देने के बाद लुठियाग मे विकास कार्यों के ऐसे हालात क्यों हैं।

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