जिला पंचायत रुद्रप्रयाग को दूसरी पंचवर्षीय योजना पूर्ण होने को होने पर भी अभी तक नही पता अध्यक्ष कौन है

जिला पंचायत रुद्रप्रयाग को दूसरी पंचवर्षीय योजना पूर्ण होने को होने पर भी अभी तक नही पता अध्यक्ष कौन है।
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 रामरतन पवांर/गढ़वाल ब्यूरो।

जिला पंचायत रुद्रप्रयाग को दूसरी पंचवर्षीय योजना पूर्ण होने को होने पर भी अभी तक नही पता अध्यक्ष कौन है।


जनपद आगमन पर शुभकामनाओं के बोर्ड पर अभीतक पूर्व अध्यक्ष का नाम और फ़ोटो। प्रशासन की घोर लापरवाही के चलते नही बदला गया पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष का नाम।

रुद्रप्रयाग-  क्या उम्मीद रखेगा कोई विकास की जब गहरी नींद में सोई हुई हो जनपद की वह संस्था जिसके निर्णय से ही जनपद में विकास कार्य होतें हो।

जनपद आगमन पर हार्दिक अभिनन्दन ओर स्वागत के बोर्ड जनपद की सीमा में लगे होतेँ हैं जो यह दर्शाता है कि जनपद के मुखिया कौन है और किसके निर्देशन में यह जनपद विकास की राह पर चल रहा है।

ज्ञात हो कि जो जनपद रूद्रप्रयाग के अन्तर्गत पट्टी भरदार मे स्थान सौंराखाल मोटर मार्ग पर लगाये गये साईन बोर्ड पर आज से साढ़े नौ बर्ष पूर्व जिला पंचायत  रुद्रप्रयाग का जो अभिनंदन बोर्ड लगाया गया है उस बोर्ड पर आज भी पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष लक्ष्मी राणा का नाम अंकित है

जबकि बर्ष 2019 मे जिला पंचायत अध्यक्ष का कार्यकाल खत्म हो गया था और पुनः त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव मे नवनिर्वाचित पंचायत अध्यक्ष श्रीमती अमरदेई शाह बनी जिससे कि बोर्ड पर नियमानुसार लक्ष्मी राणा का नाम बदल देना चहिए था और उस साईन बोर्ड पर वर्तमान जिला पंचायत अध्यक्ष के नाम वाला अभिनंदन बोर्ड लिखा होना अतिआवश्यक था लेकिन रूद्रप्रयाग जिला प्रशासन की घोर लापरवाही के चलते आज भी निर्वतमान जिला पंचायत अध्यक्ष का नाम अंकित है। जिससे ये साफ जाहिर होता है कि रुद्रप्रयाग जिले का कोई भी अधिकारी/कर्मचारी जनपद के दूरस्थ गाँवो का भ्रमण करते है, तो वहां की समस्याओं को कितनी गंभीरता से लेते होंगे। यदि समस्याओं को गंभीरता से लेते तो जरूर इतना बड़ा बोर्ड उनको दिखाई क्यों नही दिया।

सवाल इस बात का भी है कि हर पांच साल मे चुनाव के दौरान आचार संहिता भी लगती है और इस दौरान निर्वाचन आयोग के दिशानिर्देशो पर जनपद मे सारे होल्डिंग, साईन बोर्ड पर लिखे जनप्रतिनिधियों के नामो को जिला प्रशासन द्वारा हटाया जाता है लेकिन आज भी दूसरी पंचवर्षीय योजना पूर्ण होने को होने के बावजूद भी यह बोर्ड अडिग खड़ा किसको आइना दिखा रहा है। 

एक और सवाल क्या अधिकारी इन दूरस्थ गाँवो मे सरकार द्वारा  कराये जाने वाले निर्माण कार्यों को देखने जाते है या नही। इससे यह प्रतीत होता है कि जिस प्रकार जिला प्रशासन ने इस बोर्ड पर निर्वतमान जिला पंचायत अध्यक्ष का नाम नही हटाया है प्रशासन की इस लापरवाही को देखते हुए विकास कार्यों के निमार्ण कार्यो की भी अनदेखी की गयीं होगी। आखिर जिस जिला पंचायत मे पूरे जनपद मे कराये जाने वाले विकास कार्यों के प्लान बनाकर गाँव मे विकास कार्य करवाये जाते हों तो आखिर जनता ऐसे कार्यो पर कैसे विश्वास करेगी।

जिस स्थान पर यह बोर्ड लगा है उसके समीप स्यांरी गावं है जो कि देखने पर आसानी से लगता है पलायन की विभीषका से कैसे जूझ रहा है।  गौरतलब है की भरदार पट्टी में पेयजल का अभाव अधिकतर गावं में है पर स्यांरी गावं में पेयजल का अभाव नहीं है इस गावं के मध्य में पेयजल का प्राकृतिक स्त्रोत है और खेती की भूमि भी अन्य गावों के मुकाबले बहुत अधिक है। 




आज स्थिति यह है कि गावं के चारो तरफ लेंटाना घास ने ऐसे कहर बरपा दिया है की  गावं झाड़ियों के बीच है और यही चलता रहा तो कुछ दिन बाद जो परिवार गावं में हैं भी वो भी अन्य जगह पलायन करने को मजबूर हो जायेंगे।

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