जनहित के मुद्दों और शराब माफियाओं के खिलाफ बुलन्द आवाज को खामोश करने की कोशिश।
वरिष्ठ पत्रकार योगेश डिमरी पर पत्थरो से किया शराब माफियाओं द्वारा हमला।
क्या उत्तराखंड में जनहित के मुद्दे उठाने पर अवैध कार्य करने वाले माफियाओं के द्वारा आवाज बन्द करने का हौसला रखना कहीं न कहीं स्थानीय प्रशासन के लिए चुनोती नही है।
साथियों नमस्कार इस वक्त आप देख रहें हैं ऋषिकेश में ...... में हूँ योगेश डिमरी- बुलन्द आवाज़ को दबाने की निंदनीय घटना।
जनहित के मुद्दे उठाकर अवैध शराब माफियाओं की नाक में दम करने वाले वरिष्ठ पत्रकार योगेश डिमरी की आवाज़ को बन्द करने की कोशिश करने वाले माफियाओं के बुलन्द हौसले किस तरह से उनकी जान पर भारी पड़ गए ये योगेश डिमरी के सिर पर लगे टाकों से लगाया जा सकता है। क्या उत्तराखंड में शराब माफियाओं की इतनी हिम्मत हो गयी है कि वह बिहार जैसे जंगलराज को उत्तराखंड में लाना चाहते हैं।
ऋषिकेष में लगातार ऋषिकेश संघर्ष समिति के साथ मिलकर अवैध शराब के अड्डों को अपनी खबरों में दिखाने वाले स्पष्टवादी पत्रकार आंवला न्यूज के सम्पादक योगेश डिमरी को किसी अनजान नम्बर से कॉल से मिली सूचना पर जब मौके पर पहुंचे तो उनपर पथ्थरों से हमला किया जिसके कारण उनके सिर में गम्भीर चोट आई हैं। जे0डी0 अस्पताल में इलाज करवा रहे योगेश डिमरी को डॉक्टरों ने उन्हें एम्स में रेफर किया है।
इस घटना के बाद स्थानीय लोगों में रोष बना हुआ है और एक सशक्त आवाज जो हमेशा जन मुद्दे उठाती आयी को दबाने के कुत्सित प्रयासों की निंदा के साथ साथ इस घटना को लेकर सकते में हैं।