जिम कार्बेट नेशनल पार्क में कटे 6000 पेड़ों ओर अवैध निर्माण को लेकर उच्च न्यायालय ने दिए सीबीआई जांच के आदेश।
विजिलेंस की जांच झेल रहे तत्कालीन वन मंत्री हरक सिंह रावत के लिए सीबीआई जाँच बनेगी नई मुशीबत।
मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी ओर न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने बुधवार के दिन जिम कार्बेट नेशनल पार्क में अवैध निर्माण और अवैध पेड़ों के कटान के खिलाफ अनु पंत की ओर से दायर याचिका का स्वतः सज्ञान लेकर दो जनहित याचिकाओं की सुनवाई एक साथ की ओर इस मामले की जाँच सीबीआई को सौंप दी।
अभी इस मामले की विजिलेंस जांच कर रही है । इस मामले में पूर्व आईएफ़एस किशन चंद जेल जा चुके हैं। हाल ही में, विजिलेंस ने पूर्व मंत्री हरक के प्रतिष्ठान से दो जेनरेटर बरामद किये थे। हाईकोर्ट ने कॉर्बेट पार्क में अवैध पेड़ कटान व निर्माण की सीबीआई जांच कराने के आदेश दिये है। इस मामले में पूर्व वन मंत्री हरक सिंह रावत समेत कुछ आईएफएस व अन्य अधिकारियों की मुश्किलें बढ़नी तय है।
पहले से ही विजिलेंस की जांच झेल रहे तत्कालीन वन मंत्री हरक सिंह रावत के लिए इस आदेश के बाद सीबीआई जांच की मुसीबत खड़ी हो गयी है।
मुख्य सचिव द्वारा अपने शपथ पत्र में समय समय पर उच्च न्यायालय को अवगत कराने की बात कही थी परंतु एक साल बीत जाने के बाद भी किसी भी प्रकार से न्यायालय को कृत कार्यवाही से अवगत नही कराया गया।
मामला पिछले वर्ष जिम कार्बेट नेशनल पार्क में अधिकारियों की शह पर काटे गए 6000 पेड़ों की जांच को लेकर दायर जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए न्यायालय ने इस मामले की जांच करने के आदेश सीबीआई को दिए। जिसमें पेड़ काटने की जांच वर्तमान तक हो रखी है और न्यायालय ने एक साल पहले मुख्य सचिव को दोषियों के खिलाफ कार्यवाही करने को कहा था जिसपर कुछ हुआ नही । जिम कार्बेट में अवैध पातन ओर अवैध निर्माण की जांच के लिए विभागाध्यक्ष द्वारा गठित जोशी कमेटी द्वारा कई अफसरों को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया गया था इसके वावजूद भी कोई कार्यवाही नही हुई।