रामरतन पवांर/गढ़वाल ब्यूरो।
बिहार मे एक जगह ऐसी भी जहाँ 200 सौ साल से नही मनाते हैं होली।
आखिर क्यों नही है मनाते हैं इस गाँव मे होली पढिये पूरी खबर।
बिहार--रंगो के त्योहार होली मे लोग एक दूसरे को गुलाल लगाकर खुशिया मनाते है, चारो ओर जश्न का माहोल देखने को मिलता है।लेकिन बिहार मे एक ऐसा गाँव है जहाँ 200 वर्षों से होली नही मनाई जाती है।
ज्ञात हो कि मुगेंर जिले के सती स्थान गांव मे होली के दिन सन्नाटा पसरा रहता है यहाँ के लोग न केवल खुद को रंगो से दूर रखते हैं बल्कि इनके घरो मे होली का पकवान तक नही बनता है।
मुख्यालय से करीब 50 किलोमीटर दूर बसे इस गाँव मे होली का दिन भी आम दिनो की तरह गुजरता है। यहां के लोगो के लिए होली जैसा कोई त्योहार होता ही नही हैं। इतना ही नही सती स्थान गांव के जो लोग किसी दूसरे गाँव या शहर मे जाकर बस गये हो ं वो भी होली नही मनाते है।दूसरे गाँव के लोग भी इन लोगो को रंग नही लगाते है।
क्यो नही मनाते है इस गाँव के लोग होली-
ग्रामीणों मे होली नही मनाने के पीछे की वजह बताते हुए कहा कि गाँव मे एक बृद्ध दम्पति रहा करते थे, समय बीतने के साथ फाल्गुन महीने मे होलिका दहन के दिन पति की मौत हो गयी, जिसके बाद पत्नी ने अपने पति के साथ सती होने की इच्छा जताई,और फिर अपने पति की चिता के साथ सती हो गयी।
बाद मे ग्रामीणों के सहयोग से जिस जगह जहाँ घटना थी वहीं सती स्थल पर एक मंदिर का निर्माण करवाया गया और इस गाँव का नाम सती स्थान भी उसी घटना के बाद रखा गया। इसलिए अनहोनी की डर से इस गाँव के लोग होली नही मनाते है।