मनरेगा के अन्तर्गत मोबाइल मानिटिरिंग सिस्टम को लागू किये जाने पर प्रधान संगठन ने इसका कड़ा विरोध

प्रदेश सरकार द्वारा राज्य मे मनरेगा के अन्तर्गत मोबाइल मानिटिरिंग सिस्टम को लागू किये जाने पर प्रधान संगठन ने इसका कड़ा विरोध किया है
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 रामरतन पवांर/गढ़वाल ब्यूरो

राज्य मे मनरेगा के अन्तर्गत मोबाइल मानिटिरिंग सिस्टम को लागू किये जाने पर प्रधान संगठन ने इसका कड़ा विरोध किया है।

प्रधान संगठन ने सरकार को भेजा चार सूत्रीय माँग पत्र।



अगर एक हप्ते मे सरकार ने माँग पत्र पर नही किया अमल तो माह जनवरी मे प्रधान संगठन देहरादून मे करेगा धरना व प्रदर्शन।

जखोली- प्रदेश सरकार द्वारा राज्य मे मनरेगा के अन्तर्गत मोबाइल मानिटिरिंग सिस्टम को लागू किये जाने पर प्रधान संगठन ने इसका कड़ा विरोध किया है।

इस बावत प्रधान संगठन ने प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिह धामी को  एक ज्ञापन भेजा। ज्ञापन मे प्रधान संगठन के पदाधिकारियों का कहना है कि उत्तराखंड की बिषम भौगोलिक परिस्थिति को देखते हुए अधिकांश गाँवो मे नेटवर्क की समस्या बनी रहती है व मीलो पैदल जाना पड़ता है जिस कारण से मोबाइल मानिटिरिंग सिस्टम लागू करना सरकार फैसला जनहित मे ठीक नही है।

उन्होंने कहा कि दिन प्रतिदिन एम आई एस साईट को जटिल बनाया जा रहा है। एम आई एस मे  आधार (FT0) भुगतान की समस्या ग्राम प्रधानों एवं समन्धित कर्मचारियों को बिना प्रशिक्षण प्राप्त किये  ही सिस्टम को लागू किया जा रहा है जो कि सरासर गलत है।

    प्रधान संगठन ने कहा है कि ग्राम पंचायतों मे 20 से अधिक विकास के कार्यो का न होना सरकार की इस विकास की महत्वाकांक्षी योजना पर सवाल उठने लाजमी है। मनरेगा एक ऐसा ही साधन है जिससे कि गाँवो मे विकास किया जा सकता है।

यही ही नही मनरेगा के तहत कराये गये कई कार्यो का समयमजदूरों का  भुगतान न किया जाना, मेट्रियल व कुशल श्रमिकों का भुगतान न होना भी एक बड़ी चुनौती है और बिना भुगतान किये ही फाईलो को बंद कर दिया जाता है। जबकि इससे पूर्व फाईलो मे मेटीरियल, कुशल श्रमिकों का भुगतान शेष रहता था। उनको फिजिकली क्लोज आप्शन के माध्यम से बंद किया जाता था ताकि ग्राम पंचायतों मे कार्य सुचारू रूप से गतिमान रह सके।

लेकिन वर्तमान मे ये सरकार द्वारा ये प्रणाली खत्म कर दी गयी और गाँवो मे कराये जाने वाला विकास कार्य पूर्ण रुप से थम चुका है। साथ ही ग्राम पंचायतों को केन्द्र से  मिलने वाली 15वे वित्त की धनराशि आज तक नही मिल पायी है, जिस कारण से पंचायतों मे विकास कार्य ठप्प हो चुके है।

वर्तमान मे 2022-23  की कार्ययोजना पर एक भी काम गाँवो मे नही हुए है जबकि पंचायतीराज विभाग द्वारा जनवरी माह मे आगामी वित्तीय वर्ष की कार्ययोजना बनाने का फरमान जारी कर दिया गया।

यही ही नही पूर्व मे प्रधानो को 10000 रू  कोरोना प्रोत्साहन राशी व 1000 रूपये ग्राम आपदा निधि के रूप मे सरकार ने घोषणा की थी वो भी आज तक पूरी नहीं हो पायी। प्रधान संगठन ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार ने प्रधानो की  ये 4 माँगे पूरी नही की तो सारा संगठन माह जनवरी मे देहरादून मे धरना प्रदर्शन करेगा।

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