पहले गजराज अब किंग कोबरा को लेकर चर्चाओं में वन विभाग।
देहरादून के चिड़ियाघर से खतरनाक किंग कोबरा के गायब होने की चर्चाओं के बाजार गर्म होने पर मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक डॉ0 समीर सिन्हा ने चिड़ियाघर निदेशक से इस मामले में रिपोर्ट मांगी है।
केंद्र सरकार से अनुमति के बिना ही उत्तराखण्ड के जिम कॉर्बेट टाइगर रिजर्व पार्क से गजराजों को गुजरात भेजे जाने की घटना के बाद चिडियाघर से किंग कोबरा गायब होने की सूचना है।
इस बारे में दून चिड़ियाघर के वन क्षेत्राधिकारी मोहन सिंह रावत का कहना है कि किंग कोबरा को रेस्क्यू करके यहां चिड़ियाघर में लाया गया था जिसके उपचार पश्चात स्वस्थ होने पर सुरक्षित राजा जी टाइगर रिजर्व पार्क के जंगल मे छोड़ दिया गया है।
उत्तराखण्ड सरकार वन मुख्यालय के प्रशासन द्वारा चिड़ियाघर में कई लाख रुपये को खर्च करके सांपों के लिए बाड़ा बनाया गया था फिर उसमें खतरनाक सापों को लाया गया था जिसमे रॉक पाइथन, किंग कोबरा, बर्मीज पाइथन, इंडियन कोबरा, रेटिकुलेटेड पाइथन आदि 10 प्रजातियों के सापों को देहरादून स्थित चिड़ियाघर में रखा गया है। इन सापों को आंध्रा ओर तमिलनाडु प्रदेशों से लाकर यहां रखा गया है।
किंग कोबरा के गायब होने की चर्चा होने पर अटकलें है कि गोपनीय तरीके से इस खतरनाक किंग कोबरा को इंदौर भेज दिया गया है जिसपर वन मंत्री सुबोध उनियाल ने सज्ञान लेते हुए मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक से रिपोर्ट तलब की है।