फूल की खेती भी बन सकती है रोजगार का साधन।
लस्तर हिलाईं फार्मर्स प्रोड्यूसर कम्पनी लिमिटेड से जुड़े किसान कर रहे हैं फूल की खेती।
पर्वतीय कृषक बागवान संगठन के माध्यम से निःशुल्क वितरित गेंदे के 20000 पौध को रोपण कर व्यावसायिक खेती की तरफ अग्रसर।
पहाड़ में भौगोलिक विषमता का रोना रोने वालों को कई ऐसे उदाहरण प्रति दिन देखने को मिल रहे हैं जो आसानी से किये जाने वाले कार्य हैं और अधिक पूंजी की आवश्यकता नही है।
पारंपरिक रूप से खेती किसानी करते आ रहे किसानों ने जहां व्यावसायिक खेती को अपनाया कहीं न कहीं सफलता की ओर बढ़े हैं और उत्तराखण्ड के पहाड़ी क्षेत्र जो दुरूह दुर्गम के चलते पलायन का दंश झेल रहे हैं के लिए आशा की किरण बन रहे हैं।
ऐसे ही प्रयास विकासखण्ड जखोली में SFAC के माध्यम गठित लस्तर हिलाईं फार्मर्स प्रोड्यूसर कम्पनी लिमिटेड के किसानों द्वारा पर्वतीय कृषक बागवान संगठन के माध्यम से निःशुल्क वितरित गेंदे के 20000 पौध को अपने खेतों में ट्रायल के रूप में लगाया जो कि बरसात के सीजन में सफल रहा और अब नवम्बर के सीजन के ट्रायल लगाने की तैयारी कर रहे हैं यदि सफल होते हैं तो फूल की खेती का विस्तार किया जाएगा जो कि आय अर्जन का स्रोत बनेगा।
इस सम्बंध में LHFPC के डायरेक्टर श्री हरीश पुण्डीर ने बताया कि हम कोशिस कर रहे हैं कि अपने किसानों को व्यावसायिक खेती से जोड़ें ओर उत्पादन को बाजार देने में सहयोग करें। अन्य योजनाएं भी हम जैसे ही काम कर रही हैं पर हम कुछ अलग करके अपना शत प्रतिशत कार्य आय अर्जन से जोड़ने पर ही कार्य करेंगे जिसके लिए हमारे किसान तैयार हैं।
इस समय हमने पर्वतीय कृषक बागवान संगठन के केंद्रीय कार्यकारिणी के अध्यक्ष श्री बीरबान सिंह व सचिव श्री दीपक कगरेती ओर सरंक्षक डॉ0 राजेन्द्र प्रसाद कुकसाल के तकनीकी निर्देशन ओर निःशुल्क 20000 गेंदा पूसा बसन्ती फूल पौध को विकासखण्ड जखोली में रोपण किया गया जिसके परिणाम सार्थक हैं और हम जिला प्रशासन के सहयोग से इस कार्य को आगे बढ़ाना चाहते हैं जिसके लिए हम नवम्बर माह में फूल की उपलब्धता हेतु लगाए जाने वाले ट्रायल से उत्पादन की स्थिति स्पष्ट होने के बाद ही प्रशासन से सहयोग लेंगें।
उत्तराखण्ड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव 2025 की मतगणना 31 जुलाई 2025 को होनी है जिसमें फूल मालाओं की आवश्यकता को देखते हुए श्री उम्मेद सिंह राणा, श्री ओमप्रकाश कोठारी, श्री सीताराम कोठारी, श्री प्रदीप प्रसाद भट्ट, श्री सत्ये सिंह राणा, श्री हर्षलाल, श्री हरीश पुण्डीर के द्वारा लगभग 1 कुंतल फूलों से मालाएं विकासखण्ड जखोली में मतगणना हेतु तैयार की गई हैं।
ऐसे प्रयास यदि सफल होतें हैं तो गेंदे के फूलों की खेती से अन्य फसलों की भी रक्षा कीट पतंगों से होती है और जंगल सुअरों से निजात दिलाने में गेंदे के फूल की खेती कारगर सिद्ध हो सकती है।