महिला साहित्यिक सांस्कृतिक कलामंच तिलवाड़ा से जुड़ी महिलाओं ने हर्षोल्लास के साथ मनाया तीज पर्व।
समृद्ध लोकसंस्कृति व लोककलाओं के अनूठे समागम के साथ प्रकृति का आभार के भाव के साथ कार्य्रकम का आयोजन।
हरियाली तीज की परम्परा को पर्वतीय क्षेत्र में अमूमन पहले नही जाना जाता था। महिलाओं के सशक्त ओर स्वावलम्बन की ओर बढ़ने ओर प्रकृति प्रिय स्वभाव के चलते हरियाली तीज पर्व को पर्वतीय क्षेत्रों में भी महिलाएं हर्षोल्लास के साथ मना रही हैं जो कि बहुत अच्छी पहल है।
महिला साहित्यिक सांस्कृतिक कलामंच तिलवाड़ा से जुड़ी हुई महिलाओं के द्वारा हरियाली तीज का त्योहार बड़े हर्षोउत्साह साथ मनाया गया। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम का उद्घाटन नगर पंचायत अध्यक्ष विनीता देवी जी व सभासद रंजना असवाल ने दीप प्रज्वलित करके किया। महिलाओं ने पारंपरिक गढ़वाली रीति-रिवाजों के साथ मांगल गीत गाकर कार्यक्रम की शुरुआत की।
कार्यक्रम में तिलवाड़ा क्षेत्र की प्रतिभाशाली महिलाओं ने नाटक, लोकगीत और लोकनृत्य जैसे विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए। महिलाओं ने पारंपरिक पोशाक और आभूषण पहनकर रैंप वॉक भी किया। तीज क्वीन का खिताब प्रभा लिंगवाल ने जीता।
कलामंच की संयोजिका विमला राणा जी ने कार्यक्रम का सफल संचालन किया। इस अवसर पर लीलावती सकलानी, शांतिभट्ट, संगीता गौड, देवेश्वरी नेगी, लक्ष्मी बिष्ट, शकुंतला भट्ट, संगीता नेगी, मंगसीरी, चंद्रेश्वरी , वर्षा, रिंकी, सावित्री, संगीता, भावना सुलेखा, रेखा, प्रीति, शशि, सोनी, शांति, सम्पत्ति, इन्दु किरन, ऊषा, हेमन्ती, गड्डी सहित कई महिलाएं शामिल रही।
हरियाली तीज का यह उत्सव न केवल महिलाओं के लिए एक मंच प्रदान करता है, बल्कि यह महिला सशक्तिकरण, पर्यावरण संरक्षण और लोक संस्कृति के संरक्षण का भी अवसर है। इस तरह के आयोजनों से महिलाएं अपनी प्रतिभा और संस्कृति को प्रदर्शित करने का अवसर प्राप्त करती हैं।