विधवा महिला का नही बन पाया आधारकार्ड

आधार न बनने से महिला की बढ़ी परेशानियां,
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कंगाली में आटा गीला: विधवा महिला 3 साल से काट रही आधार केंद्रों के चक्कर, सरकारी योजनाओं के लाभ से वंचित।

रुद्रप्रयाग जिले के जखोली विकासखंड के अगस्त्यमुनि की ग्राम पंचायत बावई की एक गरीब और अनुसूचित परिवार से ताल्लुक रखने वाली श्रीमती रैजा देवी के लिए यह स्थिति सचमुच "कंगाली में आटा गीला होना" जैसी बन गई है। लगभग तीन साल पहले पति का देहांत होने के बाद, परिवार का भरण-पोषण ध्याड़ी मजदूरी पर निर्भर है और बेटा भी बेरोजगार है। जीवनयापन की इस भीषण तंगी में, पिछले तीन वर्षों से उनका आधार कार्ड न बन पाना एक ऐसी तकनीकी बाधा बन गई है, जिसने उन्हें सरकारी मदद से पूरी तरह वंचित कर दिया है। 

  बताया गया है कि वह 15 से अधिक आधार केंद्रों के साथ-साथ देहरादून तक के चक्कर लगा चुकी हैं, लेकिन नई तकनीकी समस्या के चलते उनका आधार कार्ड आज तक नहीं बन पाया है। आधार कार्ड न होने के कारण रैजा देवी न तो विधवा पेंशन का लाभ ले पा रही हैं, न उन्हें राशन मिल रहा है और न ही वह किसी अन्य सरकारी अनुदान का लाभ उठा पा रही हैं। 

    इस लाचार महिला ने जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग के जनता दरबार में भी गुहार लगाई, लेकिन आज तक इस समस्या का कोई समाधान नहीं हुआ है। एक गरीब और विपन्न महिला का तीन साल से आधार कार्ड न बन पाना, क्षेत्र के सामाजिक कार्यकर्ताओं और ग्राम प्रधान द्वारा लोकतान्त्रिक व्यवस्था पर सवालिया निशान उठाता है।


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