त्यूँखर गांव में 14 दिवसीय पांडव नृत्य का भव्य समापन।
गैंडा वध और स्वर्गरोहणी की भावुक विदाई के साथ उमड़ा जनसैलाब।
जखोली (रुद्रप्रयाग): उत्तराखंड की समृद्ध सांस्कृतिक और पौराणिक परंपराओं के प्रतीक 'पांडव नृत्य' का जखोली विकासखंड के अंतर्गत ग्राम पंचायत त्यूँखर में भव्य समापन हुआ। विगत 3 दिसंबर से शुरू हुए इस 14 दिवसीय अनुष्ठान के अंतिम दिन 'गैंडा वध' और 'स्वर्गरोहणी' प्रसंग के मंचन के साथ ही पांडव पश्वाओं ने सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देकर विदाई ली। इस ऐतिहासिक पल का साक्षी बनने के लिए त्यूँखर समेत आसपास के दर्जनों गांवों से भारी जनसैलाब उमड़ा।
पौराणिक मान्यताओं का जीवंत संगम
अंतिम दिन का आकर्षण: युद्ध और विदाई
समापन के दिन ढोल-दमाऊ की थाप पर पांडव पश्वाओं के नृत्य ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस दौरान अर्जुन और दुर्योधन के बीच हुए अंतिम युद्ध के रोमांचक मंचन ने माहौल को भक्तिमय और ऊर्जावान बना दिया। कार्यक्रम का सबसे भावुक क्षण पांडवों की विदाई का रहा, जिसे 'स्वर्गरोहणी' कथा के रूप में प्रस्तुत किया गया। अंत में भगवान नारायण के रूप में फल वितरण के साथ ही पांडवों की मार्मिक विदाई हुई, जिसे देख श्रद्धालुओं की आंखें नम हो गईं।
कड़कड़ाती ठंड भी नहीं रोक पाई उत्साह
पहाड़ों की कड़कड़ाती ठंड के बावजूद, रात भर ग्रामीण भारी संख्या में पांडव नृत्य का आनंद लेने के लिए डटे रहे। ग्रामीणों ने पांडव पश्वाओं से आशीर्वाद लेकर गांव की खुशहाली की कामना की। देव समिति ने इस धार्मिक कार्य को शांतिपूर्ण और निर्विवाद रूप से संपन्न कराने के लिए समस्त क्षेत्रवासियों का आभार प्रकट किया और बधाई दी।
इस अवसर पर देव समिति के अध्यक्ष शिवराज सिंह कैंतूरा, क्षेत्र पंचायत सदस्य श्रीमती प्रिया बुटोला, महिला मंगल दल अध्यक्ष श्रीमती आशा देवी, सामाजिक कार्यकर्ता गंभीर सिंह पवांर, पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष प्रदीप पवांर, पूर्व ज्येष्ठ उपप्रमुख चैन सिंह पंवार, धीरज सजवाण, सैन सिंह पवांर सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण और गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।


