राज्य स्थापना दिवस पर PM मोदी

प्रधानमंत्री मोदी:- उत्तराखण्ड राज्य स्थापना दिवस पर रजत जयंती समारोह में होंगे शामिल,
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उत्तराखंड को ₹8260 करोड़ की सौगात।

 राज्य स्थापना दिवस पर PM मोदी करेंगे विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास।

देहरादून। उत्तराखंड राज्य गठन की रजत जयंती के ऐतिहासिक अवसर पर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 9 नवंबर को देहरादून स्थित एफआरआई में आयोजित भव्य समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लेंगे। इस महत्वपूर्ण मौके पर, प्रधानमंत्री न केवल एक स्मारक डाक टिकट जारी करेंगे और उपस्थित विशाल जनसमूह को संबोधित करेंगे, बल्कि वह राज्य के विकास को एक नई गति देने के लिए ₹8260 करोड़ रुपये से अधिक की विभिन्न विकास परियोजनाओं का उद्घाटन एवं शिलान्यास भी करेंगे।

ये परियोजनाएं उत्तराखंड के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण क्षेत्रों जैसे पेयजल, सिंचाई, तकनीकी शिक्षा, ऊर्जा, शहरी विकास, खेल और कौशल विकास को मजबूती प्रदान करेंगी। जिन प्रमुख परियोजनाओं का उद्घाटन होना है उनमें अमृत (AMRUT) योजना के तहत देहरादून जलापूर्ति कवरेज, पिथौरागढ़ में विद्युत सबस्टेशन, सरकारी भवनों में सौर ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना और हल्द्वानी स्टेडियम (नैनीताल) में एस्ट्रोटर्फ हॉकी मैदान शामिल हैं।

समारोह के दौरान, प्रधानमंत्री दो अत्यंत महत्वाकांक्षी पेयजल परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे। इनमें सोंग बांध पेयजल परियोजना (देहरादून) शामिल है, जो देहरादून शहर को प्रतिदिन 150 एमएलडी पेयजल उपलब्ध कराएगी, और दूसरी है जमरानी बहुउद्देशीय बांध परियोजना (नैनीताल)। जमरानी परियोजना सिंचाई, पेयजल आपूर्ति के साथ-साथ बिजली उत्पादन में भी महत्वपूर्ण सहायक सिद्ध होगी। शिलान्यास की जाने वाली अन्य परियोजनाओं में चंपावत में महिला खेल महाविद्यालय की स्थापना, नैनीताल में एक अत्याधुनिक डेयरी संयंत्र, और कई विद्युत सबस्टेशन परियोजनाएं शामिल हैं।

 एग्रो टूरिज्म पर फोकस की कमी: किसानों की आय बढ़ाने का चूका अवसर

हालांकि, इस व्यापक विकास पैकेज में एक महत्वपूर्ण पहलू पर फोकस की कमी महसूस की जा रही है, जिस पर राज्य के किसान और विशेषज्ञ ध्यान केंद्रित कर रहे हैं—वह है पर्वतीय क्षेत्रों के किसानों के लिए एग्रो टूरिज्म। उत्तराखंड में कृषि पर्यटन (एग्री-टूरिज्म) की अपार संभावनाएं हैं। प्रधानमंत्री मोदी की केदारनाथ यात्रा के बाद से श्री केदारनाथ यात्रा में यात्रियों की संख्या हर वर्ष नए रिकॉर्ड स्थापित कर रही है, जिससे राज्य में पर्यटन में भारी वृद्धि हुई है। यदि सरकार इस अवसर को भुनाने के लिए एग्री-टूरिज्म के संबंध में विशेष घोषणाएं या प्रोत्साहन पैकेज लाती, तो यह पर्वतीय क्षेत्र के किसानों की आय बढ़ाने और स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में एक गेम चेंजर साबित हो सकता था। इस बहुआयामी विकास पैकेज में, पर्वतीय किसानों की आर्थिक उन्नति के लिए कृषि पर्यटन को प्राथमिकता न मिलना एक अवसर को गवाना माना जा सकता है।

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