केंद्रीय विद्यालय भवन निर्माण की मांग पर ऐतिहासिक जीत।
39 दिन बाद अनशन समाप्त, प्रशासन का लिखित आश्वासन।
रुद्रप्रयाग, उत्तराखंड। केंद्रीय विद्यालय (केवी) भवन निर्माण की वर्षों पुरानी मांग को लेकर रुद्रप्रयाग के स्यालसौड़ (चंद्रापुरी) में पिछले 39 दिनों से चल रहा ऐतिहासिक धरना और आमरण अनशन आखिरकार समाप्त हो गया है। जिला प्रशासन द्वारा आवश्यक प्रक्रियाओं को जल्द आगे बढ़ाने का लिखित आश्वासन दिए जाने के बाद आंदोलनकारियों ने अपना संघर्ष वापस लेने की घोषणा की।
जनता की इस एकजुटता को क्षेत्र की शिक्षा संबंधी मांग के लिए एक बड़ी जीत के रूप में देखा जा रहा है।
भूख हड़ताल का अंत, अनशनकारी अस्पताल में भर्ती
आंदोलन के दौरान सबसे महत्वपूर्ण मोड़ तब आया जब ग्राम प्रधान मनोज वैष्णव ने आमरण अनशन शुरू कर दिया। पिछले दो दिनों से अन्न-जल त्याग चुके वैष्णव को अनशन समाप्त होने के तुरंत बाद स्वास्थ्य परीक्षण के लिए अगस्त्यमुनि अस्पताल ले जाया गया। अनशनकारियों की बिगड़ती सेहत और जनदबाव के बाद ही प्रशासन हरकत में आया।
आंदोलन के प्रमुख चरण और घटनाक्रम:
शुरुआत: उत्तराखंड क्रांति दल (यूकेडी) के नेतृत्व में स्थानीय लोगों ने करीब 39 दिन पहले, संभवतः अक्टूबर के पहले सप्ताह में, स्यालसौड़ में धरना शुरू किया था।
पुरानी मांग: आंदोलनकारियों का कहना था कि केंद्रीय विद्यालय की स्वीकृति 25 साल पहले मिली थी, और यह 14 साल से अधिक समय से पुराने व जर्जर भवनों में संचालित हो रहा है। जमीन भी आवंटित थी (लगभग 70 से 85 नाली)।
प्रशासन की उदासीनता: आंदोलन के 15वें, 21वें, और 31वें दिन भी प्रशासन ने कोई खास सुध नहीं ली, जिससे क्षेत्रीय जनता में भारी आक्रोश था। आंदोलनकारियों ने तुलना करते हुए कहा था कि गोपेश्वर केंद्रीय विद्यालय का टेंडर इसी समय हुआ था, पर वहाँ निर्माण शुरू हो चुका है।
आमरण अनशन: 35-36 दिन का धरना पूरा होने के बाद, शुक्रवार (संभवतः 7 नवंबर) को, आंदोलनकारियों ने प्रशासन की उपेक्षा से नाराज होकर आमरण अनशन शुरू कर दिया, जिसमें यूकेडी नेता डॉ. आशुतोष भण्डारी और ग्राम प्रधान मनोज वैष्णव समेत अन्य लोग शामिल हुए।
प्रशासन ने दिया लिखित आश्वासन
आंदोलन के 39वें दिन, राज्य स्थापना दिवस की संध्या पर, जिला प्रशासन ने पहल की। तहसीलदार रुद्रप्रयाग प्रणव पाण्डेय और भवन निर्माण की कार्यवाही संस्था सीपीडब्ल्यूडी के सहायक अभियंता आंदोलन स्थल पर पहुंचे।
आंदोलन का नेतृत्व कर रहे डॉ. आशुतोष भण्डारी ने पत्रकारों को बताया कि प्रशासन ने लिखित आश्वासन दिया है कि केंद्रीय विद्यालय भवन निर्माण से संबंधित आवश्यक प्रक्रिया को जल्द आगे बढ़ाया जाएगा। सूत्रों के अनुसार, प्रशासन ने डेढ़ महीने में निर्माण कार्य शुरू करने और 15 दिनों में टेंडर प्रक्रिया पूरी करने का आश्वासन दिया है।
तहसीलदार रुद्रप्रयाग ने भी पुष्टि की है कि वन भूमि के कारण जो कार्य रुका हुआ था, उसकी अब मंजूरी मिल गई है, और सीपीडब्ल्यूडी ने दो हफ्तों में निविदा जारी करने को कहा है।
जनता की जीत, पर प्रशासन पर नाराजगी
जनप्रतिनिधियों और आंदोलनकारियों ने इस सफलता को जनएकजुटता की जीत बताया है। उन्होंने कहा कि आंदोलन शांतिपूर्ण तरीके से चला और अंततः प्रशासन को झुकना पड़ा।
यूकेडी जिलाध्यक्ष सूरत सिंह झिंक्वाण ने हालांकि इस बात पर नाराजगी जताई कि प्रशासन को इस न्यायोचित मांग पर कार्रवाई करने में एक माह का समय लग गया, जबकि अन्य आंदोलनों पर तुरंत संज्ञान लिया गया था। डॉ. भण्डारी ने यह चेतावनी भी दी है कि यदि दिए गए आश्वासन के अनुरूप तय समय सीमा में काम शुरू नहीं हुआ, तो अगला धरना जिलाधिकारी कार्यालय परिसर में दिया जाएगा।
समस्त क्षेत्र के विद्यार्थियों और अभिभावकों ने उम्मीद जताई है कि अब आश्वासन के अनुरूप केंद्रीय विद्यालय भवन निर्माण कार्य जल्द शुरू होगा, जिससे क्षेत्र के बच्चों को बेहतर शैक्षिक वातावरण मिल सकेगा।


