अवैध शिकार पर नकेल, ‘हिमालयन घुरल’ के शिकारी को जेल।
रुद्रप्रयाग। उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग वन प्रभाग में वन विभाग की टीम ने हिमालयन घुरल नामक वन्यजीव के अवैध शिकार के एक मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए एक अभियुक्त को गिरफ्तार कर लिया है। गुप्त सूचना के आधार पर कार्रवाई करते हुए दोषी को वन्यजीव संरक्षण अधिनियम की गंभीर धाराओं के तहत न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया है।
उप प्रभागीय वनाधिकारी डीएस पुंडीर ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि रुद्रप्रयाग वन प्रभाग की गुप्तकाशी यूनिट को ग्राम राऊलैंक निवासी बृजमोहन नेगी द्वारा हिमालयन घुरल का अवैध शिकार कर उसके मांस को घर पर पकाने की गुप्त सूचना मिली थी। सूचना मिलते ही, वन विभाग की एक संयुक्त टीम को तत्काल घटनास्थल के लिए रवाना किया गया। टीम ने अभियुक्त बृजमोहन नेगी से पूछताछ की, जिसके बाद उसने और उसके परिजनों ने हिमालयन घुरल का शिकार करने और मांस पकाने के जघन्य अपराध को स्वीकार कर लिया।
वन विभाग ने स्पष्ट किया कि यह कृत्य वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 (यथा संशोधित 2022) की धारा-9, 39, और 44 के तहत एक दंडनीय अपराध है। हिमालयन घुरल, जो कि अनुसूची प्रथम के अंतर्गत आता है, उसका अवैध शिकार करना और उसका मांस पकाना एक गंभीर वन्यजीव अपराध है। अभियुक्त को तत्काल हिरासत में लिया गया और वन क्षेत्राधिकारी गुप्तकाशी यूनिट द्वारा माननीय मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, रुद्रप्रयाग के समक्ष प्रस्तुत किया गया, जहां से उसे न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया है। इस सफल कार्रवाई को अंजाम देने वाली संयुक्त टीम में वन क्षेत्राधिकारी गुप्तकाशी, वन दरोगा अभिषेक नेगी, वन आरक्षी कुलजीत सिंह और दैनिक श्रमिक दलीप बिष्ट जैसे अधिकारी और कर्मचारी शामिल थे। यह कार्रवाई वन्यजीवों के अवैध शिकार के खिलाफ वन विभाग की सख़्ती और सक्रियता को दर्शाती है।


