पहाड़ की महिलाओं को आखिर कब मिलेगी जंगली जानवरों से निजात।
टिहरी के प्रतापनगर में गुलदार का हमला: गौशाला गई महिला गंभीर रूप से घायल, हायर सेंटर रेफर।
लगातार सामने आ रही गुलदार कारित घटनाओं को सिर्फ मुआवजा बांटकर कर्तव्य की इतिश्री करना कहाँ तक सही।
टिहरी, उत्तराखंड। उत्तराखंड के टिहरी जिले के प्रतापनगर क्षेत्र स्थित नौघर गांव में गुरुवार की शाम गुलदार के हमले से एक महिला गंभीर रूप से घायल हो गई। महिला अपनी गौशाला में पशुओं की देखभाल के लिए गई थी, तभी घात लगाए बैठे गुलदार ने अचानक उस पर हमला कर दिया। महिला की चीख-पुकार सुनकर ग्रामीणों के मौके पर पहुंचने और शोर मचाने के बाद गुलदार भाग खड़ा हुआ। घायल महिला को प्राथमिक उपचार के बाद हायर सेंटर रेफर कर दिया गया है।
जानकारी के मुताबिक, नौघर गांव निवासी संगीता देवी (40) पत्नी अनार सिंह शाम के वक्त अपने गांव के समीप बनी गौशाला में पशुओं की देखरेख करने गई थीं। इसी दौरान, गौशाला के पास झाड़ियों में घात लगाए बैठे एक गुलदार ने उन पर अचानक हमला बोल दिया।
गुलदार के हमले से महिला बुरी तरह घायल हो गईं। बताया गया है कि हमले में महिला के सिर और आंख के नीचे नाखून के गंभीर घाव आए हैं।
गुलदार के अचानक हमले से घबराई महिला ने जोर-जोर से चीखना-चिल्लाना शुरू कर दिया। महिला की चीख-पुकार सुनकर आसपास के ग्रामीण तत्काल मौके की ओर दौड़े और शोर मचाना शुरू कर दिया। ग्रामीणों के एकजुट होने और शोरगुल करने पर गुलदार महिला को छोड़कर जंगल की ओर भाग गया।
हायर सेंटर रेफर
ग्रामीणों ने घायल संगीता देवी को तुरंत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, चौंड पहुंचाया। वहां मौजूद डॉक्टरों ने महिला को प्राथमिक उपचार दिया, लेकिन गंभीर चोटों को देखते हुए उन्हें तत्काल हायर सेंटर रेफर कर दिया गया है।
ग्रामीणों की मांग और वन विभाग की प्रतिक्रिया
क्षेत्र में गुलदार की बढ़ती आवाजाही और इस ताजा घटना से स्थानीय लोग दहशत में हैं। ग्रामीणों ने वन विभाग से क्षेत्र में नियमित रूप से गश्त बढ़ाने और जल्द से जल्द पिंजरा लगाकर गुलदार को पकड़ने की मांग की है। ग्रामीणों का कहना है कि पिछले कई दिनों से गांव के आसपास गुलदार को देखा जा रहा है।
इस संबंध में वन क्षेत्राधिकारी हर्षाराम उनियाल ने बताया कि घटना की सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची है। उन्होंने कहा कि महिला के ईलाज के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो पाएगी। साथ ही उन्होंने यह भी आश्वस्त किया कि पीड़ित परिवार को अनुमन्य स्वास्थ्य उपचार के लिए आर्थिक सहायता दी जाएगी।
यह घटना एक बार फिर दर्शाती है कि पहाड़ी क्षेत्रों में वन्यजीवों और मानव के बीच संघर्ष की समस्या विकट होती जा रही है, जिस पर तत्काल प्रभावी कार्रवाई की आवश्यकता है।


