रुद्रप्रयाग में मोटे अनाजों की खेती को मिला बड़ा सहारा

मोटे अनाज उत्पादन से सुधरेगी आर्थिकी,
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 मिलेट मिशन से किसानों के चेहरों पर आएगी मुस्कान।

मंडुवा (रागी) की सरकारी खरीद से मजबूत होगी स्थानीय अर्थव्यवस्था, महिला समूहों को मिलेगा विशेष बल।

किसानों को तोहफा: मंडुवा (रागी) का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) ₹48.86 प्रति किलोग्राम घोषित।

बड़ा लक्ष्य: जिले में 2500 क्विंटल मंडुवा खरीदने का लक्ष्य निर्धारित।

खरीद अवधि: 1 अक्टूबर से 31 दिसंबर 2025 तक होगी मंडुवे की खरीद।

रुद्रप्रयाग में मोटे अनाजों की खेती को मिला बड़ा सहारा, किसानों की आय होगी दोगुनी

रुद्रप्रयाग- राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी 'स्टेट मिलेट मिशन योजना' अब रुद्रप्रयाग में किसानों के लिए एक नई उम्मीद लेकर आई है। इस योजना के तहत, जिले के पारंपरिक मोटे अनाज मंडुवा (रागी) को बढ़ावा देने और किसानों को उनकी मेहनत का सही मूल्य दिलाने के लिए एक ठोस कदम उठाया गया है। इस साल, सरकार ने मंडुवे का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) ₹48.86 प्रति किलोग्राम तय किया है, जो किसानों की आय बढ़ाने में मील का पत्थर साबित होगा।

इस पहल का मुख्य उद्देश्य पहाड़ी क्षेत्रों के किसानों और विशेषकर स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है।

मुख्य विकास अधिकारी ने दिए अभियान को तेज करने के निर्देश

मुख्य विकास अधिकारी (CDO) श्री राजेंद्र सिंह रावत कीद अध्यक्षता में हुई एक महत्वपूर्ण बैठक में इस योजना की समीक्षा की गई। बैठक में यह निर्णय लिया गया कि ग्रामोत्थान परियोजना और USRLM से जुड़े स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से इस वर्ष कुल 2500 क्विंटल मंडुवा खरीदने का लक्ष्य पूरा किया जाएगा।

यह लक्ष्य किसानों, उत्पादक समूहों, ग्राम संगठनों, क्लस्टर लेवल फेडरेशन (CLF) और आजीविका संघों के सहयोग से हासिल किया जाएगा, जिसके लिए एक विशेष अभियान चलाया जाएगा।

मुख्य विकास अधिकारी श्री राजेंद्र सिंह रावत ने कहा, "इस कदम से न केवल किसानों को उनकी उपज का लाभकारी मूल्य मिलेगा, बल्कि जिले में मोटे अनाजों के उत्पादन और उपयोग को लेकर एक सकारात्मक माहौल भी बनेगा। यह योजना किसानों की आय बढ़ाने और स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद मोटे अनाजों को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।"

1 अक्टूबर से शुरू होगी खरीद प्रक्रिया

किसानों से मंडुवा खरीदने की यह प्रक्रिया 1 अक्टूबर 2025 से शुरू होकर 31 दिसंबर 2025 तक चलेगी। जिला प्रशासन ने इस लक्ष्य को समय पर पूरा करने के लिए सभी संबंधित विभागों और एजेंसियों को जरूरी दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं।

पर्वतीय कृषक बागवान उद्यम संगठन के जिलाध्यक्ष  अनंत एस भट्ट ने कहा कि सरकार के द्वारा यह कदम किसानों के हित में उठाया गया है पर इसके साथ ही अन्य मोटे अनाज का भी समर्थन मूल्य घोषित करके किसानों को  अन्य फसल उत्पाद का भी लाभ मिल जाता।

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