मुख्यमंत्री धामी ने किया ₹185 करोड़ के 'शारदा कॉरिडोर' प्रथम चरण का शुभारंभ

प्रथम चरण में शारदा घाट का पुनर्विकास,
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 मुख्यमंत्री धामी ने किया ₹185 करोड़ के 'शारदा कॉरिडोर' प्रथम चरण का शुभारंभ, धार्मिक पर्यटन और आर्थिक समृद्धि का नया अध्याय।

शारदा घाट, टनकपुर में हुआ भव्य आयोजन, परियोजना आस्था, संस्कृति और सतत विकास का बनेगी केंद्र।

अंतर्राष्ट्रीय मानकों के आरती स्थल सहित, सुरक्षित घाट और बाढ़ प्रतिरोधी संरचनाओं का होगा निर्माण।

टनकपुर, चंपावत- मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को शारदा घाट, टनकपुर में आयोजित एक समारोह में ₹185.20 करोड़ की महत्वाकांक्षी शारदा कॉरिडोर परियोजना के प्रथम चरण का विधिवत शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर परियोजना को प्रदेश की आस्था, सांस्कृतिक विरासत और सतत विकास के लिए एक महत्वपूर्ण केंद्र बिंदु बताया।

बनबसा से माता रंकोची तक विकास का संगम

मुख्यमंत्री श्री धामी ने स्पष्ट किया कि शारदा कॉरिडोर का मुख्य लक्ष्य बनबसा से माता रंकोची तक की संपूर्ण घाटी को धर्म, प्रकृति संरक्षण और रोजगार सृजन के एक सुंदर संगम के रूप में विकसित करना है। उन्होंने जोर देकर कहा कि अब यह क्षेत्र केवल धार्मिक आस्था का केंद्र नहीं रहेगा, बल्कि यह यहाँ के स्थानीय निवासियों के जीवन में आर्थिक उन्नति और नए अवसरों की एक सशक्त धारा भी प्रवाहित करेगा।

प्रथम चरण में शारदा घाट का पुनर्विकास

मुख्यमंत्री ने बताया कि पहले चरण में (अनुमानित लागत ₹185.20 करोड़) शारदा नदी के तट को पर्यावरण-संवेदनशील, स्वच्छ, सुरक्षित और आकर्षक स्वरूप देने हेतु 'शारदा घाट पुनर्विकास परियोजना' का कार्य प्रारंभ किया जा रहा है। इस बृहद योजना में सुरक्षित स्नान घाटों का निर्माण, भव्य आरती स्थल, बेहतर स्वच्छता एवं विश्राम सुविधाएँ, सुंदर घाट, सुगम पहुँच मार्ग, पैदल पथ, अत्याधुनिक प्रकाश व्यवस्था और व्यापक सौंदर्यीकरण कार्य शामिल हैं।


मुख्यमंत्री ने यह भी जानकारी दी कि प्रस्तावित आरती स्थल अंतर्राष्ट्रीय स्तर की तकनीक से सुसज्जित होगा, जिसमें वर्षा जल संचयन (रेनवाटर हार्वेस्टिंग) और फ्लोर कूलिंग सिस्टम जैसी आधुनिक सुविधाएँ होंगी। इसके अतिरिक्त, बाढ़ प्रतिरोधी संरचनाओं का निर्माण किया जाएगा, जिससे नदी के प्रवाह को नियंत्रित करके आस-पास के क्षेत्रों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकेगी।

रोजगार, पर्यटन और पर्यावरण का अनूठा मॉडल

मुख्यमंत्री धामी ने विश्वास व्यक्त किया कि यह परियोजना धार्मिक पर्यटन को नई गति प्रदान करेगी, स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगी और बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर पैदा करेगी। उन्होंने इसे सामाजिक, सांस्कृतिक और पर्यावरणीय दृष्टिकोण से एक अद्वितीय मॉडल बताया, जो पूरे क्षेत्र के लिए विकास का एक नया प्रतीक बनेगा।

वन भूमि हस्तांतरण की प्रक्रिया प्रगति पर

परियोजना की गति को बनाए रखने के लिए मुख्यमंत्री ने बताया कि शारदा कॉरिडोर के कुछ हिस्से वन भूमि के अंतर्गत आते हैं, जिनके भूमि हस्तांतरण की प्रक्रिया वन विभाग के साथ प्रगति पर है। यह परियोजना उत्तराखंड इन्फ्रास्ट्रक्चर एंड इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (UIIDB) के माध्यम से संचालित हो रही है। उन्होंने आश्वस्त किया कि डांडा और चूका जैसे राजस्व भूमि वाले क्षेत्रों का हस्तांतरण भी शीघ्र ही पूर्ण कर लिया जाएगा ताकि कार्यों में अनावश्यक विलंब न हो।


प्रकृति शिक्षा से जुड़ेगा धार्मिक अनुभव


मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्णागिरि और माता रंकोची क्षेत्र, जो कॉरिडोर के मुख्य धार्मिक और सांस्कृतिक केंद्र हैं, वहाँ श्रद्धालुओं को श्रद्धा के साथ-साथ वन, वन्यजीवों और प्रकृति की शिक्षा का अनमोल अनुभव भी मिलेगा। उन्होंने दोहराया कि यह क्षेत्र पर्यावरण-संवेदनशील विकास का एक आदर्श उदाहरण बनेगा, जहाँ नदी की पवित्रता, हरियाली और प्राकृतिक संतुलन को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी।


मुख्यमंत्री श्री धामी ने संकल्प जताया कि शारदा कॉरिडोर का विकास जन-भागीदारी, संपूर्ण पारदर्शिता और पर्यावरणीय संतुलन को साधते हुए किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हर निर्णय में स्थानीय नागरिकों की राय और सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने इस परियोजना को केवल भौगोलिक विकास नहीं, बल्कि "हमारी आस्था और आत्मा का पुनर्जागरण" बताया, जो आने वाली पीढ़ियों के लिए परंपरा और प्रगति, आस्था और आधुनिकता के साथ चलने का एक उदाहरण बनेगा।

प्रथम चरण के मुख्य घटक

उल्लेखनीय है कि ₹185.20 करोड़ के प्रथम चरण में निम्नलिखित प्रमुख कार्य शामिल हैं:

किरोड़ा नाला पारिस्थितिक कॉरिडोर (₹109.57 करोड़): क्षेत्र की जैव विविधता के संरक्षण और आपदा प्रतिरोध क्षमता को बढ़ाने के लिए एक इकोलॉजिकल कॉरिडोर का विकास।

सिटी ड्रेनेज योजना – चरण 1 (₹62.11 करोड़): शहरी जल निकासी प्रणाली को मजबूत करना, जिससे बाढ़ की घटनाओं में कमी आएगी और वर्षा जल का प्रबंधन व्यवस्थित होगा।

थाक गाँव तक वैकल्पिक मार्ग (₹5.34 करोड़): 'कोर्बेट के अंतिम शिकार मार्ग' के रूप में प्रसिद्ध इस मार्ग को तीर्थयात्रियों के लिए सुरक्षित और सुगम पहुँच मार्ग बनाना। इसके अतिरिक्त, कई अन्य महत्वपूर्ण कार्य भी इस चरण में सम्मिलित हैं।

इस महत्वपूर्ण अवसर पर दर्जा राज्य मंत्री श्याम नारायण पांडे, शंकर कोरंगा, जिला पंचायत अध्यक्ष आनंद सिंह अधिकारी, ब्लॉक प्रमुख अंचला बोहरा, भाजपा जिला अध्यक्ष गोविंद सामंत, जिलाधिकारी मनीष कुमार, पुलिस अधीक्षक अजय गणपति, मुख्य विकास अधिकारी डॉ. जी.एस. खाती, अपर जिलाधिकारी कृष्णा नाथ गोस्वामी, अन्य जनप्रतिनिधि और बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिक उपस्थित रहे।

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