हरिद्वार: पद का दुरुपयोग! भगवानपुर की ब्लॉक प्रमुख करुणा कर्णवाल निलंबित
ताऊ और पूर्व विधायक देशराज कर्णवाल पर लगा था प्रमुख का कामकाज संभालने का गंभीर आरोप
हरिद्वार जिले के भगवानपुर ब्लॉक में एक बड़ा प्रशासनिक फेरबदल हुआ है। ब्लॉक प्रमुख करुणा कर्णवाल को उनके पद से तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। उन पर यह गंभीर आरोप था कि वह स्वयं अपने दायित्वों का निर्वहन नहीं कर रही थीं, बल्कि उनके ताऊ और दर्जाधारी राज्यमंत्री पूर्व विधायक देशराज कर्णवाल ही उनके स्थान पर ब्लॉक प्रमुख के सभी कार्यों का संचालन कर रहे थे। इस सख्त कार्रवाई ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है, और सत्तारूढ़ पार्टी के स्थानीय नेताओं के बीच भी इस कदम को लेकर तीखी चर्चा जारी है।
मामले की जड़: पद के दुरुपयोग की शिकायत
करुणा कर्णवाल ने वर्ष 2022 के त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रत्याशी के रूप में, पूर्व विधायक और दर्जाधारी मंत्री देशराज कर्णवाल के समर्थन से, ब्लॉक प्रमुख का पद जीता था। हालांकि, जीत के कुछ ही समय बाद उन पर कार्य के प्रति लापरवाही और पद के दुरुपयोग के आरोप लगने शुरू हो गए थे।
बेहड़ेकी सैदाबाद की क्षेत्र पंचायत सदस्य पूर्णिमा त्यागी ने औपचारिक शिकायत दर्ज कराई थी। उनकी शिकायत में स्पष्ट रूप से कहा गया था कि "ब्लॉक प्रमुख करुणा कर्णवाल अपने संवैधानिक दायित्वों का पालन नहीं करती हैं। उनके ताऊ देशराज कर्णवाल ही कार्यालय में बैठकर ब्लॉक से जुड़े सभी महत्वपूर्ण निर्णय लेते हैं।"
वीडियो सबूत और स्वीकारोक्ति बनी निलंबन का आधार
शिकायतकर्ता पूर्णिमा त्यागी ने यह आरोप भी लगाया कि जब भी वह विकास कार्यों के संबंध में ब्लॉक प्रमुख से मिलने जाती थीं, तो करुणा कर्णवाल की कुर्सी पर देशराज कर्णवाल ही बैठे होते थे। वह ही उनसे कहते थे कि काम कैसे होगा और कौन करेगा। मामले की गंभीरता तब और बढ़ गई जब स्वयं करुणा कर्णवाल से इस विषय में पूछा गया, और उन्होंने साफ शब्दों में कहा था कि "ताऊ ही सबकुछ करेंगे।"
इससे पहले, विधायक ममता राकेश ने भी क्षेत्र पंचायत की बैठकों के दौरान इस मुद्दे को उठाया था, कि "ब्लॉक प्रमुख की जगह देशराज कर्णवाल ही सवालों के जवाब दे रहे हैं और पूरी सभा को संबोधित कर रहे हैं।" यह पूरा घटनाक्रम सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो के माध्यम से भी सार्वजनिक हुआ, जिसके बाद प्रशासन ने मामले की गहन जांच शुरू की।
प्रशासनिक जांच में दोषी सिद्ध
वीडियो सबूतों के आधार पर की गई जांच में करुणा कर्णवाल को दोषी पाया गया। शिकायतकर्ता द्वारा उपलब्ध कराए गए वीडियो साक्ष्यों और सोशल मीडिया पर प्रसारित क्लिप्स के आधार पर, अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) ने जांच रिपोर्ट तैयार की।
जांच रिपोर्ट में यह पुष्टि हुई कि करुणा कर्णवाल स्वयं अपने अधिकारों और जिम्मेदारियों का निर्वहन नहीं कर रही थीं और देशराज कर्णवाल उनके स्थान पर निर्णय ले रहे थे। इस गंभीर रिपोर्ट को संज्ञान में लेते हुए, पंचायत राज निदेशक निधि यादव ने तत्काल प्रभाव से करुणा कर्णवाल को निलंबित करने के आदेश जारी कर दिए।
निलंबन के आदेश के बाद, शासन ने निर्देश दिया है कि भगवानपुर ब्लॉक के सभी प्रशासनिक और वित्तीय कार्यों की देखरेख अब तीन सदस्यीय समिति करेगी। इस समिति में तीन क्षेत्र पंचायत सदस्यों को शामिल किया जाएगा, जो फिलहाल ब्लॉक के सभी कार्यों का संचालन संभालेंगे।