रूप सिंह रावत/ पौड़ी गढ़वाल
भालू का कहर: जंगल गई महिला पर जानलेवा हमला, ग्रामीणों ने लाठियों से बचाई जान; इलाके में 40 मवेशियों को बना चुका है निवाला।
पाबौ के बनेख गांव की घटना, गाय लेने गई महिला पर झाड़ियों से निकलकर किया हमला।
चीख-पुकार सुन दौड़े ग्रामीण, सिर और पैर पर आए गहरे जख्म, अस्पताल में भर्ती।
थलीसैंण और कल्जीखाल ब्लॉक में भी भालू का आतंक, लोगों में दहशत, गश्त बढ़ाने की मांग।
विस्तृत समाचार:
पौड़ी गढ़वाल।
उत्तराखंड के पहाड़ी जिलों में शांत गांवों में वन्यजीवों का खौफ लगातार बढ़ता जा रहा है, जिससे ग्रामीणों का जीवन संकट में है। ताजा मामला पौड़ी जिले के विकासखंड पाबौ से सामने आया है, जहां शुक्रवार शाम एक महिला पर भालू ने जानलेवा हमला कर दिया। महिला की चीख-पुकार सुनकर पहुंचे ग्रामीणों ने हिम्मत दिखाते हुए लाठियों और पत्थरों से भालू को खदेड़ा और घायल महिला को अस्पताल पहुंचाया।
पाबौ के बनेख गांव की घटना, गाय लेने गई थी महिला
घटना के संबंध में ग्राम प्रधान सरोजनी देवी ने विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि बनेख गांव निवासी बलवीर सिंह की पत्नी शंकरी देवी (51) शुक्रवार को अपनी गाय लेने के लिए जंगल की ओर गई थीं। शाम का समय था, करीब साढ़े पांच बज रहे थे। शंकरी देवी जब जंगल के रास्ते पर थीं, तभी पास की झाड़ियों से अचानक एक भालू निकला और उन पर हमला कर दिया।
ग्रामीणों ने लाठियों से भगाया भालू, महिला अस्पताल में भर्ती
भालू के इस अचानक और बर्बर हमले से शंकरी देवी बुरी तरह घबरा गईं और अपनी जान बचाने के लिए मदद की गुहार लगाते हुए जोर-जोर से चिल्लाने लगीं। उनकी चीख-पुकार जब गांव तक पहुंची, तो आस-पास के ग्रामीण तुरंत लाठी-डंडे लेकर घटनास्थल की ओर दौड़े। ग्रामीणों ने एकजुट होकर शोर मचाया और भालू पर पत्थरों और लाठियों से हमला किया, जिसके बाद भालू जंगल की ओर भाग गया।
इस हमले में शंकरी देवी गंभीर रूप से घायल हो गईं। भालू के पंजों से उनके सिर और पैर पर गहरे जख्म आए हैं। ग्रामीणों ने तत्काल 108 एंबुलेंस सेवा को सूचित किया। एंबुलेंस की मदद से घायल शंकरी देवी को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) पाबौ में भर्ती कराया गया है, जहां उनका उपचार चल रहा है।
थलीसैंण और कल्जीखाल में भी भालू का आतंक
यह इस क्षेत्र में भालू के आतंक की कोई इकलौती घटना नहीं है। ग्रामीणों का कहना है कि भालू का यह खौफ पूरे इलाके में बना हुआ है। आंकड़ों के मुताबिक, पास के थलीसैंण ब्लॉक की ढाईज्यूली पट्टी में इसी भालू (या भालुओं के झुंड) ने अगस्त माह से अब तक 40 मवेशियों को अपना निवाला बना लिया है। इतना ही नहीं, थलीसैंण में भालू पहले एक अन्य महिला पर भी हमला कर उसे घायल कर चुका है।
इसी तरह, कल्जीखाल ब्लॉक की मनियारस्यूं पट्टी में भी भालू द्वारा कई मवेशियों पर हमले की घटनाएं सामने आ चुकी हैं।
लोगों में खौफ, वन विभाग से गश्त बढ़ाने की मांग
लगातार हो रही इन घटनाओं से ग्रामीणों में डर का माहौल है। लोगों का कहना है कि पिछले कुछ महीनों से भालू बेखौफ होकर गांवों के आस-पास और आबादी वाले इलाकों में घूम रहे हैं। शाम होते ही लोग घरों से बाहर निकलने में कतरा रहे हैं। उन्होंने वन विभाग के खिलाफ नाराजगी जताते हुए क्षेत्र में गश्त बढ़ाने और आतंक का पर्याय बने भालू को जल्द से जल्द पकड़ने (पिंजरा लगाने) की मांग की है, ताकि किसी और बड़ी अनहोनी को होने से रोका जा सके।


