मनरेगा में भ्रष्टाचार- 08 माह बीत जाने के बावजूद भी नही की गयी कार्यवाही

विकासखंड जखोली में मनरेगा योजना में भ्रष्टाचार,
खबर शेयर करें:

 रामरतन पवांर/गढ़वाल ब्यूरो।

जखोली मे  मनरेगा  योजना के अन्तर्गत ‌ कराये गये  निर्माण कार्यो‌ मे  भारी अनिमितताए व‌ भ्रष्टाचार को देखते हुए मुख्य सचिव को पत्र देकर की गयी थी जांच की मांग।

मुख्य सचिव ने पंचायत राज अधिकारी को जांच के दिये‌ थे निर्देश, लेकिन 08 माह बीत जाने के बावजूद भी नही की गयी कार्यवाही।

अधिकारी नही मानते हैं मुख्य सचिव के आदेशो का पालन। लेकिन ‌जांज से न आये आंच आठ माह से दबाये बैठे है जांच रिपोर्ट।



रूद्रप्रयाग।  जनपद रुद्रप्रयाग मे अधिकारी इतने निडर हो चुके हैं कि शासन‌‌ मे बैठे उच्च अधिकारियों ‌के लिखित आदेशो को मानने को तैयार नही ।

जानकारी के लिए बता दे कि प्रदेश मे मनरेगा जैसे महत्वाकांक्षी योजनाओ के‌ अन्तर्गत केन्द्र सरकार/राज्य सरकार ग्रामीण क्षेत्रों मे मनरेगा/राज्य वित्त/15वें वित्त/क्षेत्र पंचायत निधि से होने वाले‌ विकास कार्य के लिए ‌हर साल करोड़ो धनराशि की स्वीकृति प्रदान करती है ताकि इस धनराशि का‌ निर्माण ‌कार्यो मे सही तरीके से खर्च हो सके, लेकिन आज आलम यह‌‌‌ है कि मनरेगा की‌‌ धनराशि को विकासखंड व जनपद मे बैठे जिम्मेदार अधिकारी/कर्मचारी ‌ठिकाने लगाने मे तुले हैं। ग्राम पंचायतों मे कराये  गये कार्यो‌ मे भारी अनिमितताए व भ्रष्टाचार हो रहा है।

बता दें  कि जखोली विकासखंड के अन्तर्गत‌‌ विभिन्न ग्राम पंचायतो‌ मे मनरेगा ‌सहित राज्य वित्त/15वें वित्त/क्षेत्र पंचायत निधि ‌से किये‌ गये विकास के‌ निर्माण कार्यो‌ मे भारी अनिमितताए व भ्रष्टाचार को  देखते  हुए‌ गत वर्ष  माह दिसम्बर 2024 को‌ मुख्य सचिव उतराखंड ‌शासन को विकासखंड  जखोली के विभिन्न ग्राम पंचायतों मे उपरोक्त लिखित  निधियों से ‌कराये गये निर्माण कार्यो‌ को लेकर जांच  करवाने के लिए  हेतु मुख्य सचिव उतराखंड सरकार को पत्र प्रेषित किया गया थाजिसका संज्ञान लेते हुए तत्कालीन मुख्य सचिव ने    निदेशक पंचायती राज‌ देहरादून, सचिव को जांच करवाने से संमन्धित  पत्र लिखा। 

 ‌तत्पश्चात निदेशक पंचायती  राज ‌ने   पंचायत राज अधिकारी को जखोली ‌में मनरेगा/राज्य वित्त/पन्द्रवें वित्त ‌तथा क्षेत्र पंचायत निधि सहित ग्राम निधि‌ से कराये गए निर्माण कार्यो‌ की जांच करवाने‌ से  संबन्धित पत्र प्रेषित किये थे लेकिन पूर्व मे कार्यरत मुख्य विकास अधिकारी ने मुख्य सचिव के लिखित आदेशो का पालन न करते हुए जांच को दबाये रखा तथा अभी भी जांच के आदेश हुए 08  माह का समय‌ बीत जाने के बावजूद भी आज दिवस तक रूद्रप्रयाग मे बैठे निरंकुश अधिकारियों ने उच्च अधिकारियों के आदेशो को दर किनार कर  कर कोई कार्यवाही नही की। 

  अब सवाल ये भी है कि जब रूद्रप्रयाग मे बैठे अधिकारी अपने उच्च स्तरीय अधिकारियों का कहना नही मानते है‌ तो वो फिर जनता का काम खाक करेंगे। सवाल ये भी है कि आखिर क्यो  अभी तक अधिकारी जांच को दबाये हुए। है, इसका मुख्य कारण ये‌ है कि वास्तव मे मनरेगा मे भारी भ्रष्टाचार व अनिमितताए है जो कि अधिकारियों को सब पता है इसलिए ये लोग जांच करवाने से कतरा रहे है। लेकिन कब तक चुपचाप बैठे रहेंगे, जांच तो करनी ही पड़ेगी।

खबर पर प्रतिक्रिया दें 👇
खबर शेयर करें:
Next
This is the most recent post.
Previous
पुरानी पोस्ट

हमारे व्हाट्सएप्प ग्रुप से जुड़ें-

WhatsApp पर हमें खबरें भेजने व हमारी सभी खबरों को पढ़ने के लिए यहां लिंक पर क्लिक करें -

यहां क्लिक करें----->