बड़ी खबर: त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव पर नैनीताल हाईकोर्ट ने लगाई रोक।
पंचायत के आरक्षण को लेकर 21 जुलाई 2025 को होगी अगली सुनवाई।
राज्य में होने वाले त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। बता दें कि उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर अधिसूचना तक जारी कर दी गई थी। जहां 25 जून से नामांकन प्रक्रिया होने का एलान कर दिया था। आचार संहिता भी लागू हो गई थी। इन सभी तैयारियों के बीच नैनीताल हाईकोर्ट ने यह आदेश दिया है।
उत्तराखंड के गांवों में लोकतंत्र की चूलें फिर से हिल गई हैं एक ओर सरकार है जो चुनाव करवाने की हड़बड़ी में है दूसरी ओर न्यायपालिका है जो आरक्षण के नियमों में साफ़-साफ़ प्रक्रिया की मांग कर रही है। सवाल उठता है क्या यह सिर्फ तकनीकी चूक है या लोकतंत्र की बुनियाद से छेड़छाड़।
नैनीताल हाईकोर्ट की खण्डपीठ जिसमें मुख्य न्यायाधीश जी. नरेंद्र और न्यायमूर्ति आलोक महरा शामिल हैं ने उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव पर रोक लगा दी है। वजह राज्य सरकार ने अब तक आरक्षण नियमावली का सही तरीके से नोटिफिकेशन ही जारी नहीं किया।
सरकार कह रही थी कि सब तय है चुनाव आयोग ने अधिसूचना भी जारी कर दी थी। परन्तु कोर्ट ने साफ कह दिया जब आरक्षण की प्रक्रिया ही संदिग्ध है तो चुनाव कैसे करवा सकते हैं बागेश्वर निवासी गणेश दत्त कांडपाल और अन्य याचिकाकर्ताओं ने हाईकोर्ट में गुहार लगाई कि पिछले तीन कार्यकालों से जो सीटें आरक्षित थीं उन्हें चौथी बार भी आरक्षित कर दिया गया है। यानी आम उम्मीदवारों के लिए चुनाव लड़ने का मौका ही नहीं बचा। उन्होंने कोर्ट को बताया कि 9 जून 2025 को राज्य सरकार ने नई आरक्षण नियमावली लागू की और 11 जून को एक और आदेश जारी कर पहले की आरक्षण रोटेशन प्रक्रिया को शून्य घोषित कर दिया। अब यहीं से मामला पेचीदा हो जाता है क्या सरकार पुराने आदेशों को दरकिनार कर मनमाफिक आरक्षण तय कर सकती है?
वहीं राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि इसी विषय पर एकलपीठ में भी याचिकाएं लंबित हैं। लेकिन याचिकाकर्ताओं के वकील ने जोर देकर कहा उन्होंने तो खण्डपीठ में सीधे 9 जून के आदेश को चुनौती दी है जो मूल नियमावली को ही कटघरे में खड़ा करता है। कोर्ट ने जब सरकार से स्थिति स्पष्ट करने को कहा तो सरकार समय रहते जवाब नहीं दे पाई। उल्टा चुनाव की अधिसूचना निकाल दी जबकि मामला कोर्ट में लंबित था। बता दे कि चुनाव की अधिसूचना के अनुसार हरिद्वार को छोड़कर बाकी 12 जिलों में पंचायत चुनाव कराए जाने थे। 21 जून को अधिसूचना जारी की गई और 23 जून 2025 आज जिला अधिकारियों को चुनाव संबंधी निर्देश भेजे जाने थे। लेकिन हाईकोर्ट का आदेश पहले आ गया और पूरी चुनाव प्रक्रिया ठप हो गई।
उत्तराखंड त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों पर हाई कोर्ट की रोक के बाद पंचायती राज सचिव की प्रतिक्रिया-
त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों नैनीताल हाई कोर्ट की रोक के बाद सचिव पंचायतीराज चंद्रेश कुमार ने अवगत कराया कि त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों में आरक्षण व्यवस्था से संबंधित नियमावली की अधिसूचना (गजट नोटिफिकेशन) की प्रक्रिया गतिमान है।उन्होंने बताया कि माननीय उच्च न्यायालय, नैनीताल द्वारा वर्तमान में पंचायतों में आरक्षण प्रक्रिया पर अंतरिम आदेश (स्थगन) पारित किया गया है, जिसकी समुचित रूप से अनुपालना की जा रही है।
सचिव पंचायतीराज ने कहा कि आरक्षण नियमावली 2025 की गजट नोटिफिकेशन की प्रति प्रिंटिंग के लिए राजकीय प्रेस रुड़की में गतिमान है, जिसे शीघ्र जारी कर माननीय न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा, ताकि स्थिति से अवगत कराते हुए उचित न्यायिक मार्गदर्शन प्राप्त किया जा सके।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि राज्य सरकार न्यायालय की पूर्ण गरिमा एवं निर्देशों का सम्मान करते हुए पंचायतीराज व्यवस्था को संविधान व विधि सम्मत रूप से संचालित करने हेतु प्रतिबद्ध है।