LUCC ठगी पीड़ितों का रूद्रप्रयाग बाजार में प्रदर्शन।
निवेशकों ने तहसीलदार रुद्रप्रयाग के माध्यम से मुख्यमंत्री को दिया ज्ञापन।
द लोनी अर्बन मल्टी स्टेट क्रेडिट एंड थ्रिफ्ट कोऑपरेटिव सोसायटी (LUCC) द्वारा उत्तराखंड में निवेशकों की आंखों में धूल झोंककर अरबों रुपए लेकर गायब हो गई। कम्पनी द्वारा भारत सरकार के सहकारिता मंत्रालय और कृषि मंत्रालय में पंजीकृत होने के कारण निवेशकों ने विश्वास करके निवेश करने की बात कही है।
LUCC के द्वारा समय समय पर अधिक मुनाफा वाली स्कीमों के जरिये निवेशकों को लुभाया गया। सोसायटी में अधिकतर महिलाओं द्वारा स्वयं की जमा पूंजी के साथ साथ अपने सगे सम्बन्धियों की पूंजी का निवेश भी करवाया परिणामस्वरूप निवेशकों की जमा पूंजी लेकर कम्पनी के संचालक फरार हो गए और निवेशक आसमान ताकने को मजबूर हुए। अक्टूबर 2024 तक LUCC सोसायटी द्वारा निवेशकों का धन जमा किया पर अधिकतर निवेशकों का कहना है कि माह फरवरी 2024 से जिनकी मैच्युरिटी मिलनी थी उनको मैच्युरिटी नही दी गयी। निवेशकों द्वारा लगातार धरना प्रदर्शन किया जा रहा है। श्रीनगर में 55 दिन से महिलाएँ अपना घर छोड़कर लगातार धरनास्थल पर पहुंच रही हैं।
आज इसी क्रम में आज श्रीमती सरस्वती देवी की अगुवाई में ओर नगरपालिका अध्यक्ष श्री संतोष रावत के समर्थन में जनपद रुद्रप्रयाग के निवेशकों द्वारा हनुमान मंदिर बस अड्डे से कोतवाली रुद्रप्रयाग तक जुलूस के रूप में नारेबाजी कर सांकेतिक जाम लगाया और कोतवाली के बाहर सरकार के खिलाफ ओर LUCC प्रबन्धन के खिलाफ नारेबाजी करके तहसीलदार रुद्रप्रयाग को मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड सरकार को ज्ञापन सौंपा।
हमारे साथ कोई भी ऊंच नीच जन हानि जैसी कोई घटना होती है तो इसकी पूरी की पूरी जिम्मेदारी आपकी होगी मोहदय जी जो हमारे शासन प्रशासन ने इस LUCC नामक कम्पनी को लोगों को ठगने के लाइसेंस परमिशन दिया ओर आपके द्वारा इसकी निगरानी क्यों नहीं की गई यदि यह कम्पनी फर्ज़ी थी तो पिछले 8 9 सालों से हमारे राज्य में चल कैसे रही थी यदि पंजिकृत थी तो भाग केसे गई इस कम्पनी की निगरानी करने की जिम्मेदारी किस की थी महोदय हम बहुत ही ज्यादा हतास हो गये है क्योंकि हमने आपको अपनी बात पहुंचाने के लिए हर प्रकार के लोकतांत्रिक प्रयास कर दिये मगर दुर्भाग्य है की अभी तक आपकी ओर से हम पीड़ित नागरिकों मात्र शक्ति के लिए किसी भी प्रकार का राहत बचाव का कदम नहीं उठाया गया है ओर महोदय पीड़ित महिलाओं पर आवाज उठाने पर नोटिस दिया जा रहा है यह उत्तराखंड में किस प्रकार की स्वतंत्रता है जो बहुत ही ज्यादा निराशाजनक दुर्भाग्यपूर्ण चिंतनीय विषय है पीड़ित मात्र शक्ति को शासन प्रशासन मे जो भी नोटिस दिये जा रहे हैं उन नोटिसो को निरस्त किया जाये हम पीड़ित महिलाएं कोई ग़लत कदम उठाती है इसकी पूरी जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी
अतः महोदय हम सभी पीड़ित नागरिक मात्र शक्ति आपसे हाथ जोड़ कर विनम्र निवेदन करते हैं कि हमारी समस्याओं की जटिलता को समझते हुए अपने उत्तराखण्ड के पीड़ित नागरिक व उनके परिवार बच्चों का जीवन भविष्य को मध्य नजर रखते हुए आपातकालीन राहत कोष बनाकर अपने नागरिकों को इस महा आर्थिक संकट से बहार निकलने के लिए शीघ्र अति शीघ्र ठोस कदम उठाने का महान कष्ट कीजियेगा हम सभी पीड़ित नागरिक मात्र शक्ति आपके जीवन का आभारी रहेंगे बहुत बहुत धन्यवाद।