आठवें दिन भी नही मिला आदमखोर गुलदार का सुराग

विकासखण्ड जखोली के देवल गावँ में आदमखोर गुलदार की खोजबीन जारी,
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 आठवें दिन भी नही मिला आदमखोर गुलदार का सुराग।

वन विभाग रुद्रप्रयाग की टीम मुस्तेदी से लगी है आदमखोर गुलदार की खोजबीन में।

जखोली- जनपद रुद्रप्रयाग के विकासखण्ड जखोली के समीपवर्ती गावँ में गुलदार द्वारा 25 फरवरी 2025 को शाम के समय ग्राम देवल की घास काटती 65 वर्षीय सर्वेश्वरी देवी को अपना निवाला बनाया गया था। इससे तीन दिन पूर्व ग्राम सभा देवल के राजस्व ग्राम लम्बवाड़ में  एक महिला को गुलदार के द्वारा हमला कर घायल किया था। इससे लगभग 1 माह पूर्व मयाली गावँ जो कि देवल गाँव से लगा गावँ है में भी एक महिला को गुलदार द्वारा हमलाकर घायल किया गया था। माह जुलाई 2024 में ललूड़ी में एक महिला ओर जयंती गाँव में एक महिला पर व इससे पूर्व स्कूल जाते समय एक बालक पर गुलदार द्वारा हमला कर घायल किया गया था। यह सभी घटनाएं ग्राम देवल के आसपास के गाँव की है। 

 24 फरवरी से लगातार वन विभाग की टीम ड्रोन कैमरे व अन्य 20 कैमरों के साथ आदमखोर गुलदार को ढूंढने में लगी है। लगातार क्षेत्र में मुनादी ओर जनजागरूकता के लिए जन सम्पर्क किया जा रहा है जिसमें छोटे बच्चों को अकेले न छोड़ने, घास के लिए समूह में जाना और शाम ढलते ही घरों के अंदर रहने व अफवाहों पर ध्यान न देने जैसे बातों को समझाया जा रहा है।



क्षेत्र में मानव वन्यजीव संघर्ष की घटना का लगातार बढ़ने का कारण पलायन की मार से जूझ रहे गावों ओर परिस्थिति बस जो लोग गावँ में हैं उनके पलायन की संभावनाएं बहुत कम हैं क्योंकि गाँव मे जो परिवार हैं  उनमें अधिकतर वो परिवार गावँ मे हैं जिनकी आजीविका का स्रोत मजबूत नही है। पलायन की मार झेल रहे पहाड़ के गावों में खेती की जमीन भी झाड़ियों से भरी पड़ी हैं और अधिकतर देखा जा रहा है कि गावँ के आसपास झाड़ियों के उगने से जंगल जैसे माहौल बन गया है। जिसके चलते जंगली जानवर जंगलों को छोड़कर गावों के नजदीक अपना ठिकाना बना रहे हैं।

देवल गाँव की इस हृदय विदारक  घटना के बाद क्षेत्र में प्राथमिक विद्यालयों मे उपस्थिति बहुत कम  और बोर्ड परीक्षाओं में शामिल हो रहे विद्यार्थियों को उनके परिजन परीक्षा केंद्रों तक छोड़ रहे हैं।

ग्रामीण महिलाओं का कहना है कि घर मे पशुओं के लिए जो चारा रखा था वह भी समाप्त हो गया है अब घास के लिए दूर जाने में भी डर लग रहा है। घर मे बच्चों की डर कि हम घास के लिए जाते तो बच्चों को कहाँ छोड़ना ओर बच्चों को नही छोड़ते तो जानवर भूख से मरते। दहशत के चलते आमजनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है।

इस मौके पर उप प्रभागीय वनाधिकारी डॉ0 दिवाकर पंत, वन क्षेत्राधिकारी दक्षिणी रेंज हरीश थपलियाल, वन क्षेत्राधिकारी उत्तरी रेंज सुरेन्द्र सिंह, ग्राम प्रधान देवल शम्भू प्रसाद उनियाल, शर्मिला देवी, रेखा देवी, शुशीला देवी व अंजली देवी आदि उपस्थित थे।

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