रुद्रप्रयाग में 6 दिवसीय युवा नेतृत्व प्रशिक्षण शिविर का समापन।
उत्तराखण्ड में खुलेंगे 1500 बाल केंद्र द आर्ट ऑफ लिविंग के द्वारा की गई पहल।
द आर्ट ऑफ लिविंग के द्वारा श्री श्री बाल विद्या केंद्रों का संचालन करने से पूर्व युवा नेतृत्व के क्षमता विकास हेतु जनपद रुद्रप्रयाग के तिलवाड़ा में 6 दिवसीय कार्यशाला का आयोजन वेदव्यास गुलाटी व अल्का गुलाटी के मार्गदर्शन में आयोजित किया गया।
बाल विद्या केंद्रों का मुख्य उद्देश्य संस्कारवान भविष्य को बनाना है जिसमे बच्चों को योग-ध्यान, संस्कार व सत्संग सिखाया जाएगा जिससे बालकों को अपनी संस्कृति और योग से जोड़ा जाएगा जिससे कि भविष्य में होने वाली तमाम समस्याओं के सामने आने पर बुद्धि विवेक से निर्णय लेने के लिए मन को शांत रख पाएंगे।
वर्तमान की भागदौड़ भरी दिनचर्या में कहीं न कहीं स्वयं का आत्मविश्वास मशीन की तरह काम करने के चलते उस स्तर तक मजबूत नही हो पा रहा जो कि हमारे पूर्वजों के समय था।
यह समस्या कई कारणों से सामने आयी है जिसमे मुख्य कारण हमने अपनी संस्कृति को छोड़कर अन्य का अनुसरण करना है। प्रतिफल का प्रकोप न हो के लिए हमे संस्कृति का पुनः अनुसरण करना होगा। बच्चों को संस्कारवान बनाने की यब पहल बहुत अच्छी पहल है।