LUCC सोसायटी ने रुद्रप्रयाग में लगाया निवेशकों को चूना

LUCC सोसायटी पर निवेशकों ने रुद्रप्रयाग में मुकदमा दर्ज करने दिया प्रार्थनापत्र,
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 LUCC सोसायटी ने रुद्रप्रयाग में लगाया निवेशकों को चूना।

करोड़ो रूपये की धनराशि को स्थानीय एजेंटों के जरिये इकठ्ठा करवा कर निवेशकों की रकम सोसायटी के द्वारा नही किया जा रहा वापस।

कुछ दिन पूर्व कोटद्वार ओर ऋषिकेश में LUCC लोनी अर्बन मल्टी- स्टेट क्रेडिट एंड थ्रिफ्ट कॉपरेटिव सोसायटी के कलेक्शन सेंटरों में हुए तमाशे को लेकर निवेशकों में भ्रम की स्थिति बन गयी थी। जिससे सुगबुहाट शुरू हुई और जगह जगह निवेशकों द्वारा सोसायटी के खिलाफ प्रदर्शन और मुकदमें दायर किये गए।

आज रुद्रप्रयाग में THE LONI URBAN MULTI STATE CREDIT & TREFT CO-OPRATIVE SOCIETY (LUCC) के तत्कालीन कलेक्शन एजेंटो द्वारा पुलिस अधीक्षक रुद्रप्रयाग को दिए प्रार्थना पत्र में बताया कि हम सब पहले LUCC सोसायटी में पहले निवेशक के रूप में थे बाद में हमने एजेंट के रूप के कार्य करना शुरू किया। जिसके बाद हम में से कुछ को सोसायटी के द्वारा कलेक्शन सेंटर सुविधा केंद्र संचालित करने हेतु दिए गए। जिसमे रुद्रप्रयाग में उखीमठ ओर तिलवाडा सुमाड़ी में खुले सुविधा केंद्र जिनमे हम सभी कार्यरत रहे। 

यह सोसायटी बैंकिंग का कार्य कर रही थी जो भारत सरकार के कृषि मंत्रालय में पंजीकृत थी जो वर्तमान में सहकारिता मंत्रालय में है। 29 अक्टूबर 2024 से सोसायटी का पोर्टल बन्द है और मोबाइल एप भी नवम्बर 2024 से बन्द हो गया जो अभीतक नही खुले हैं। इस सोसायटी में हम निवेशकों के साथ अन्य निवेशक भी काम कर रहे थे। महोदय हमारे द्वारा इस सोसायटी में अपने निवेश के साथ साथ अन्य निवेशकों का भी निवेश किया है।

हम निवेशकों द्वारा सोसायटी में जो निवेश किया गया था उसके लिए सोसायटी द्वारा निवेशकों को बॉण्ड एवम पासबुक जो कि सुविधा केंद्रों पर प्रिंट की जाती थी। वर्तमान में सोसायटी का कार्य बन्द होने के कारण निवेशकों द्वारा हमसे अपने निवेश की धनराशि मांगी जा रही है ओर हमे धमकियां भी दे रहे हैं जबकि हमारे ओर निवेशकों के पैसे सोसायटी में जमा हैं। इसके लिए हमने केंद्रीय रजिस्ट्रार सहकारी समिति एवम सहकारिता मंत्रालय को भी अवगत करा दिया है जिसमें केंद्रीय रजिस्ट्रार द्वारा जांच की जा रही है। सोसायटी LUCC के डायरेक्टरों की सूची जो कि बोर्ड ऑफ मैनेजमेंट से उच्च मैनेजमेंट है के नामउत्तम सिंह राजपूत कोर टीम मेंम्बर बाराबंकी उत्तरप्रदेश, माया राजपूत पत्नी उत्तम राजपूत, शबाब हुसैन, श्रेयस तलपड़े मार्केटिंग डायरेक्टर, आलोकनाथ ब्रांड एंबेसडर,संजय गोड़गिल कम्पनी ट्रेनर, आरके सेठी फण्ड मैनेजर, समीर अग्रवाल सीएमडी हैं।

अतः महोदय से निवेदन है कि उपरोक्त सभी पर मुकदमा दर्ज करने की कृपा करें साथ ही महोदय से निवेदन है कि जबतक जांच पूरी न हो तबतक हम सभी कार्यकर्ताओं पर कानूनी कार्यवाही न कि जाए कानूनी सहयोग के लिए हम सभी तैयार रहेंगे।

उत्तराखंड पुलिस ने करोड़ों रुपए की ठगी के इस मामले में पांच लोगों को गिरफ्तार किया था। इनकी गिरफ्तारी के बाद पौड़ी, श्रीनगर, चमोली , रुद्रप्रयाग, जोशीमठ की LUCC की शाखाओं में असमंजस की स्थिति बन गई थी। उपभोक्ता अपनी मेहनत की गाढ़ी कमाई के लिए चिंतित होने लगे। इसे लेकर एजेंट भी उहापोह की स्थिति में नजर आये थे मामला रुद्रप्रयाग में तब ज्यादा सदिंग्ध हुआ जब अक्टूबर 2024 के बाद निवेशकों से पैसा लेना बंद करके ओर मैच्योरिटी की धनराशि को वापस न करने के लिए कई तरह के मैसेज़ एप में तकनीकी दिक्क्क्त ओर सर्वर की समस्याएं बताई गई और अप्रेल 2024 से अभी जनवरी 2025 तक भी मैच्योरिटी की राशि को निवेशकों को वापस नही किया गया। जिससे निवेशकों में सोसायटी के प्रति रोष बना और निवेशकों द्वारा कलेक्शन एजेंटो से अपनी जमा धनराशि को वापस मांगा जाने लगा।

LUCC सोसायटी की स्थापना में मुंबई निवासी सागा ग्रुप के मुख्य कार्यकारी निदेशक समीर अग्रवाल, फंड मैनेजर आरके शेट्टी, बाराबंकी जिले के चित्रगुप्त निवासी उत्तम कुमार व उनकी पत्नी माया सिंह, उरई निवासी शबाब हुसैन ने बाराबंकी में कृषि मंत्रालय से लोनी अर्बन मल्टी स्टेट क्रेडिट एंड थ्रिफ्ट कोऑपरेटिव सोसायटी का पंजीकरण कराया। यह सोसाइटी भारत सरकार के सचेत वेबसाइट पर भी उपलब्ध  है।

 इस सोसायटी LUCC द्वारा हम सहित अन्य लोगों को सेमिनार ओर एजेंटों के जरिये विश्वास दिलाया कि कंपनी में पैसा जमा करने से अच्छा लाभ मिलेगा यह कॉपरेटिव सोसायटी है जो हम सब मिलकर  एक ऐसे ब्रांड बनाएंगे जो मध्यम वर्ग और गरीब वर्ग के सदस्यों की छोटी छोटी बचत से बड़ी धनराशि पा सकते हैं सोसायटी की स्कीमों में इन्वेस्ट करके अच्छा मुनाफा कमाने के सपने दिखाए जिससे साधारण लोग इनके झांसे में आ गए। कलेक्शन एजेंटों से मिली जानकारी के अनुसार उनके द्वारा बताया गया कि पीड़ित निवेशकों ने परिवार का काफी पैसा कंपनी में जमा किया है।  निवेशकाें को मैच्योरिटी धनराशि समय पर कुछ समय तक बिना किसी झंझट के वापस मिलती रही। यह सब सेमिनारों ओर मीटिंगों में बताए गए दिशानिर्देशनुसार होता रहा जिसके परिणामस्वरूप विश्वास कर क्षेत्र के निवेशकों ने करोड़ों रुपये कंपनी में जमा कर दिए गए। अब मामला तब बिगड़ना शुरू हुआ जब अप्रैल 2024 से निवेशकों की ओर से जमा की गई धनराशि समय अवधि पूरा होने के बाद भी वापस नहीं किया जा रहा है।

कंपनी ने अपना वेबसाइट, एप व पैनल भी बंद कर दिया है। ऐसा कर निवेशकों के साथ धोखाधड़ी की गई है। कई मैसेज़ मेल के स्क्रीनशॉट भी प्रसारित किए गए कि एप को बदला जा रहा अब सवाल यही से खड़ा होता है कि सोसायटी संचालकों के द्वारा उस बदले जाने वाले एप को पहले क्यो तैयार नही किया गया क्यो इतने लंबे अंतराल से निवेशकों  में असमंजस की स्थिति क्यो बनाई गई है क्यो संचालको की तरफ से मीडिया में कोई सन्देश अपने निवेशकों को दिया गया ऐसे कई अनुउत्तरीत सवाल हैं जो LUCC सोसायटी के संचालकों द्वारा निवेशकों के निवेश को ठिकाने लगाने के षड्यंत्र के शक को हकीकत में पुख्ता करता है।

आखिर लोग कबतक ऐसे लूटते रहेंगे सरकार द्वारा चलाये जा रहेजागरूकता अभियान  का मॉडल क्यो आम आदमी की समझ नही आ रहा और जब इस तरह बड़े पैमाने पर धनराशि को इकठ्ठा किया जा रहा हो तो कोई ऐसे तंत्र क्यो नही बना की ऐसे सोसायटियों की जबाबदेही को सुनिश्चित किया जा सके।

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