8 साल से है भीरी डमार मोटरसडक को मंदाकिनी नदी पर पुल का इंतजार

भीरी डमार मोटरसडक को मंदाकिनी नदी पर पुल का इंतजार,
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 8 साल से है भीरी डमार मोटरसडक को मंदाकिनी नदी पर पुल का इंतजार।

डबल इंजन की सरकार भी बन गयी पर पुल नही बना। आखिर विपक्ष के हारने के कारण भी यही है जनहित के मुद्दों पर चुप्पी

ऐसे विकास का भी क्या करना जो मुँह चिढ़ाता हो उस क्षेत्र का जिस क्षेत्र से पर्याप्त समर्थन मिला हो और मिलता रहा हो उस केदारघाटी के मार्ग पर भीरी से डमार जाने वाली सड़क जो छेनागाड़ के पास जुड़ रही है जो कि एक बहुत बड़े क्षेत्र के लिए सुविधाजनक है पर इस सड़क मार्ग की घोषणा ओर दिलासाओ के बाद भूल जाने की पद्धति लगभग सभी ने अपनायी।

भीरी-डमार मोटरमार्ग पर पुल के निर्माण में 8 साल का इंतजार करने के बाद ग्रामीणों का धैर्य स्वभाविक रूप से जबाब दे चुका है और ग्रामीण अब संघर्ष का मन बना चुके हैं। ग्रामीणों ने इस पुल के निर्माण न होने से खिन्न होकर चक्काजाम ओर आंदोलन करने की बात कही है जो कि डबल इंजन की सरकार के लिए जबाब देते नही बनेगा। क्योंकि हाल में ही चुनाव सम्पन्न होकर यहां से भाजपा की प्रत्याशी जीतकर आई हैं यदि स्थानीय लोग पुल के लिए चक्काजाम ओर धरना प्रदर्शन करते हैं तो यह स्पष्ट है कि इस क्षेत्र की अनदेखी जानबूझकर की गई।

आखिर क्षेत्रीय मुद्दों की राजनीति के लिए सबसे छोटी लोकतंत्र की इकाई त्रिस्तरीय पंचायत ओर नगर निकाय है जब इनके चुनाव में भी राष्ट्रीय पार्टियों में जीत जाने का जुनून हो तो स्पष्ट है कि स्थानीय मुद्दे ओझल ही होंगे। अभी हाल में ही केदारनाथ विधानसभा के उपचुनाव हुए जिसकी तैयारी के लिए उत्तराखण्ड सरकार के कैबिनेट मंत्रियों ने केदारघाटी की खाक छान ली थी क्या उस समय भी किसी की नजर इस पुल पर नही पड़ी होगी। भाजपा की सरकार में भाजपा की विधायक श्रीमती आशा नौटियाल 2024 का उपचुनाव केदारनाथ विधानसभा का जीतकर आयी हैं। अब यही पर विचारणीय है कि क्या नगर निकाय के चुनाव में जीतकर आने से वह सदस्य विधानसभा या लोकसभा में क्षेत्र का प्रतिनिधत्व करेंगे या क्या नगर निकाय की सीट जीत जाने से सरकार बनती या बिगड़ती सिर्फ अपने वर्चस्व बनाने के लिए राष्ट्रीय पार्टियां इन चुनावों को महत्वपूर्ण मान रही हैं।

भीरी-डमार मोटरमार्ग पर पुल के निर्माण में 8 साल का इंतजार करने के बाद ग्रामीणों का धैर्य स्वभाविक रूप से जबाब दे चुका है और ग्रामीण अब संघर्ष का मन बना चुके हैं। ग्रामीणों ने इस पुल के निर्माण न होने से खिन्न होकर चक्काजाम ओर आंदोलन करने की बात कही है जो कि डबल इंजन की सरकार के लिए जबाब देते नही बनेगा। क्योंकि हाल में ही चुनाव सम्पन्न होकर यहां से भाजपा की प्रत्याशी जीतकर आई हैं यदि स्थानीय लोग पुल के लिए चक्काजाम ओर धरना प्रदर्शन करते हैं तो यह स्पष्ट है कि इस क्षेत्र की अनदेखी जानबूझकर की गई।


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