रामरतन पवांर/जखोली
चिरबटिया निर्माणाधीन कृषि महाविद्यालय परिसर मे निर्माण किसी भी सरकार की प्राथमिकता में क्यो नही।
11 बर्ष बीत जाने के बावजूद भी भरसार महाविद्यालय का निर्माण कार्य अधर मे लटका हुआ है।
राजनीति की भेंट चढ़ा चिरबटिया निर्माणाधीन कृषि महाविद्यालय न भवन बना न किसी ने सुध ली ।
आखिर खण्डर के सामने फ़ोटो खिंचवाने को कौन होगा तैयार।
चिरबटिया निर्माणाधीन कृषि महाविद्यालय परिसर मे निर्माण शूरु किये जाने बावत जनप्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री को सौंपा ज्ञापन।
पूर्व मे पूर्व मुख्यमंत्री डा० रमेश पोखरियाल को भी क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि दे चुके है ज्ञापन लेकिन नही हुई कोई कार्यवाही।
जखोली- वर्ष 2014 मे रुद्रप्रयाग व टिहरी जिला की सीमा पर चिरबटिया मे कृषि महाविद्यालय की स्थापना की गयी थी।चिरबटिया मे बर्षो से खाली पड़ी उद्यान विभाग की लगभग 8.3 हैक्टेयर जमीन कृषि महाविधालय भवन निर्माण के लिए चयनित किया गया था।
चयनित जमीन को कृषि महाविद्यालय के नाम स्थानांतरण कर आगंणन तैयार कर शासन को भेजा गया। जिसके बाद तत्कालीन सरकार ने भवन निर्माण हेतू पाँच करोड़ रुपये अवमुक्त किये थे। उसके साल कार्यदायी संस्था उत्तर प्रदेश निर्माण निगम को इसका जिम्मेदारी दे दी गयी।
कार्यदायी संस्था ने मुख्य भवन भी बनाकर तैयार कर दिया था, लेकिन दूसरी किस्त न मिलने के कारण निर्माण कार्य रोक दिया गया। लेकिन आज 11 बर्ष बीत जाने के बावजूद भी भरसार महाविद्यालय का निर्माण कार्य अधर मे लटका हुआ है।
लेकिन आज दिवस तक सरकार ने इस ओर कोई ध्यान नही दिया और क्षेत्रीय जनता को अंधेरे मे रखने का काम किया।
चिरबटिया मे बर्षो से निर्माणाधीन भवन के सम्बन्ध मे मुख्यमंत्री के रूद्रप्रयाग भ्रमण के दौरान क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों ने एक ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन मे पर्वतीय कृर्षि महाविद्यालय चिरबटिया की स्थापना बर्ष 2013 मे हुयी थी।
लेकिन चिरबटिया परिसर मे मूलभूत समस्याएं जैसे प्रशासनिक भवन, शैक्षणिक भवन, छात्र/छात्रावास, प्रयोगशाला, कर्मचारी आवास न होने के कारण कृर्षि स्नातक की कक्षाओं का संपादन वर्तमान मे चिरबटिया मे न होकर रानीचौरी टिहरी गढवाल मे हो रहा है।
चिरबटिया मे कृर्षि महाविद्यालय खुलने से क्षेत्रीय जनता की आस जगी थी आसपास के गाँवो के गरीब तबके के परिवार अपने बच्चों को कृर्षि से संमन्धित शिक्षा देगे और लेकिन लोगो को ये मालूम नही था कि उनके बच्चों के साथ सरकार इतना बड़ा सडयंत्र रचेगी।
जनप्रतिनिधियों का कहना है कि अगर चिरबटिया मे सरकार इस महाविद्यालय की उपेक्षा नही करती तो छात्रो को उच्च शिक्षा प्राप्त होती ओर रोजगार के अवसर खुलते व पलायन पर भी रोक लगती ओर किसानों को भी तकनीकी एंव वैज्ञानिक जानकारियां मिलती।
लेकिन सरकार ने छात्राओ के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया। इससे पूर्व वर्ष चिरबटिया मे एक वर्षीय माली प्रशिक्षण कार्यक्रम संंचालित किया गया जिसमे दो को प्रशिक्षण दिया गया था।
जनप्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री को दिये ज्ञापन मे चिरबटिया मे निर्माणाधीन कृर्षि महाविद्यालय के निर्माण कार्यो हेतू वित्तीय एंव प्रशासनिक स्वीकृति देने की माँग की है।
ज्ञापन मे लुठियाग के प्रधान दिनेश कैंतूरा, प्रधान धनकुराली धूम सिह राणा, प्रधान उच्छना श्रीमती सीमा देवी, प्रधान उरोली, प्रधान बजीरा, क्षेत्रपंचायत सदस्य श्रीमती रचना देवी, क्षेत्रपंचायत सदस्य श्रीमती शशी देवी आदि के हस्ताक्षर मौजूद है।