हरियाणा में नायाब दावँ से बीजेपी की लगी हैट्रिक। खट्टर से नायाब तक का सफर रहा हैट्रिक लगवाने में कामयाब।
हरियाणा में टूटा कांग्रेस का सपना। एग्जिट पोल पर कांग्रेस की थी बयार पर उल्टा पड़ गया मामला।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से ताल्लुक रखने वाले और पंजाबी समुदाय से आने वाले मनोहर लाल खट्टर के प्रति लोगों की नाराजगी को भाजपा ने समय रहते भांप लिया था। मनोहर लाल खट्टर 9.5 साल तक हरियाणा के सीएम रहे। लोगों में खट्टर के प्रति खटास बढ़ने से पार्टी के वरिष्ठों ने मंथन कर एक निर्णय लिया जिसे राजनीति के धुरंदर भी नही समझ पाए और जो बातें उस समय मीडिया चला रही थी कि कहीं हो न हो ये भाजपा के लिए नुकसान का कारण बने पर यह भाजपा का खट्टर से नायाब तक का निर्णय कितना सोच समझकर लिया गया यह मतदान ने बता दिया।
भाजपा के संगठन ने हरियाणा राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव से केवल छह महीने पहले यानी मार्च 2024 में खट्टर की जगह नायब सिंह सैनी को मुख्यमंत्री बना दिया था। यह भाजपा का हरियाणा की करीब 44 प्रतिशत ओबीसी आबादी को अपनी ओर करने का सफल दांव साबित हुआ। खुद को निष्पक्ष मीडिया कहने वाले का अंजाम भी हिमालय की आवाज ने दिखाया था कि हरियाणा में हो रहे चुनाव की कवरेज में 80% सिर्फ कांग्रेस की जीत के थे जो कि धड़ाम हुए।
हुड्डा और सैलजा ने ठोकी थी सीएम पद पर दावेदारी
कांग्रेस के भूपिंदर हुड्डा और सैलजा के बीच सीएम पद के लिए 'कोल्डवॉर' भी शुरू हो गया था।
इन दोनों नेताओं ने सीएम पद के लिए अपनी दावेदारी कर आलाकमान को अपनी भावनाओं से अवगत करा दिया था। लेकिन परिणाम आए तो कांग्रेस के लिए यह ऐसे हुआ कांच का गिलास फूटने जैसे कांग्रेस के प्रवक्ताओं ने इस हार के बाद एक बार फिर प्रशासनिक मशीनरी पर सवाल सत्ता पक्ष के साथ होने पर सवाल उठाया।
कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश और पवन खेड़ा हरियाणा को लेकर आशान्वित होकर मुखर दिखे। लेकिन कांग्रेस के नेताओं द्वारा दिये बयानों के विपरीत हरियाणा में बीजेपी ने जीत की हैट्रिक बना ली। इस जीत के चाणक्य रहे अमित शाह जिनके एक निर्णय ने पूरी बाजी ही पलट दी।