हिमालय आवाज़-
जंगल की आग में चार कर्मियों की मौत आकस्मिक दुर्घटना, जांच रिपोर्ट के बाद वन संरक्षक और डीएफओ बहाल।
बिनसर अभयारण्य के जंगल की आग में चार कर्मियों की मौत आकस्मिक दुर्घटना, जांच रिपोर्ट के बाद वन संरक्षक और डीएफओ बहाल।
विनसर अभ्यारण में हुए वनाग्नि हादसे के बाद शासन ने इस मामले में प्रथम दृष्टया लापरवाही बरतने पर वन संरक्षक उत्तरी कुमाऊं कोको रोसो और डीएफओ सिविल सोयम ध्रुव सिंह मार्तोलिया को निलंबित कर दिया था।
13 जून 2024 को कुमाऊं मण्डल के बिनसर अभयारण्य में वनाग्नि चपेट में आने पर चार वनकर्मियों की जंगल में आग से मौत और चार के झुलसने के मामले में निलंबित चल रहे वन संरक्षक और डीएफओ को जुलाई में शासन को सौंपी गई जांच रिपोर्ट के बाद अब बहाल कर दिया गया है। जाँच में शासन के मुताबिक विनसर अभ्यारण में हुई आग की घटना आकस्मिक दुर्घटना थी।
वनाग्नि के इस भीषण हादसे के बाद शासन ने मामले में लापरवाही बरतने पर प्रथम दृष्टया कोको रोसो वन संरक्षक उत्तरी कुमाऊं और ध्रुव सिंह मार्तोलिया डीएफओ सिविल सोयम को निलंबित कर दिया था। इस मामले की जांच प्रमुख को वन संरक्षक धनंजय मोहन को सौंपी गया था। प्रमुख वन संरक्षक धनंजय मोहन ने माह जुलाई में जांच रिपोर्ट को शासन को सौंप दिया था।
जांच रिपोर्ट के बाद शासन ने विनसर अभ्यारण वनाग्नि मांमले में दोनों निलंबित अफसरों को सवेतन सेवा में बहाल कर दिया है। उप सचिव सत्यप्रकाश के जारी आदेश में कहा गया कि प्रमुख वन संरक्षक की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में कहा गया कि प्रश्नगत घटना जजमेंट एरर होने से आकस्मिक दुर्घटना थी, ऐसे में प्रारंभिक जांच पर वन संरक्षक कोको रोसो को उत्तरी कुमाऊं के पद पर पुन: तैनात किया गया है व ध्रुव सिंह मर्तोलिया डीएफओ को जनपद बागेश्वर केडीएफओ की जिम्मेदारी सौंपी गई है। वनाग्नि के इस मामले में तत्कालीन मुख्य वन संरक्षक कुमाऊं प्रसन्न पात्रो को वन मुख्यालय से अटैच किया गया था। बाद में शासन ने जायका परियोजना के सीईओ पद की जिम्मेदारी सौंपी है ।