हिमालय की आवाज
बैनोली गांव मे रात्री समय गुलदार ने गौशाला के दरवाजे तोडकर गाय व बछड़े को मार गिराया।
गुलदार व जंगली जानवरों के आतंक से त्रस्त होकर वर्तमान समय में खेती की जमीन बंजर हो गयी हैं। मानव वन्य जीव संघर्ष कब रुकेगा यह विचारणीय तथ्य हैं। बंजर हो रही जमीन और जंगली जानवरों की आवक बढ़ना मानव वन्यजीव संघर्ष की घटनाएं आम होना इसपर अध्ययन होकर समस्या का समाधान खोजा जाना आवश्यक है।
जखोली विकासखंड के अन्तर्गत लगातार गुलदार का आंतक छाया हुआ है दर्जनो गाँवो मे गुलदार खुले आम घुम रहा है, आज से कुछ माह पूर्व गुलदार ने ग्राम पंचायत टाट मे कई परिवारों की मवैंशियो को अपना निवाला बनाया और अब एक बार ग्राम पंचायत बैनोली के लोग गुलदार के डर की साया मे जीने को मजबूर है।
आपको बता दे कि बैनोली गांव मे 16 जुलाई की रात्री को गुलदार ने भाष्कर नौटियाल की गौशाला मे घुस कर एक दूधारू गाय व उसके. बछड़े को मौत के घाट उतार दिया, घटना कल रात की बताई जा रही वही भाष्कर नौटियाल ने बताया कि देर शाम को मेरी पत्नी गाय से दूध दुहने के बाद गौशाला के दरवाजे बंद करके अपने घर पर आ गयी
जब सुबह वो अपने गौशाला दरवाजे खोलने पहुंची तो उन्होंने वहां देखा कि गौशाला के दरवाजे टूटे पड़े हैं,अंदर जाके देखा तो गुलदार ने गाय और बछड़े दोनो मारकर जमीन पर ढेर रखा है।
जिससे वो ये सब कुछ नजारा देखकर दंग रह गयी। आनन फानन मे परिवार वालो ने वन विभाग मयाली रेंज को सूचना दी जिसपर वन विभाग की टीम ने बैनोली गांव पहुंच कर घटनास्थल का मौका मुआयना किया।
वही बैनोली के पूर्व प्रधान सूर्य प्रकाश नौटियाल ने उनके परिवार को वन विभाग से उचित मुआवजा देने की माँग की। इस घटना के बाद से पूरा गाँव मे दहशत बनी हुई है।