चार धाम यात्रा में स्थानीय लोगों के रोजगार को ध्वस्त कर रही सरकार- कांग्रेस

चार धाम यात्रा में स्थानीय लोगों के रोजगार को ध्वस्त कर रही सरकार,
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 हिमालय की आवाज।

चार धाम यात्रा में  स्थानीय लोगों  के रोजगार को ध्वस्त कर रही सरकार  - नेगी।

मुख्यमंत्री धामी का दौरा दिखावा मात्र बंद कमरे में बैठक करने से यात्रा मार्ग के मुख्य पड़ावों पर हो रहीअव्यवस्थाओं का नहीं होगा समाधान।

श्री केदारनाथ धाम की यात्रा को लेकर सरकार की तैयारी नाकाफी बिना स्थानीय लोगों के यात्रा की सफलता की कामना असंभव।

उत्तराखंड कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता सूरज नेगी ने कहा की प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी चार धाम यात्रा की तैयारी को परखने के लिए जनपद रुद्रप्रयाग जिला मुख्यालय में बंद कमरे में अधिकारियों के साथ बैठक कर यह संदेश देना चाहते हैं कि सरकार की तैयारी पूरी हैपरंतु जमीनी हकीकत कुछ और ही है

    सरकार की ओर से पर्याप्त तैयारियों के न होने से सोनप्रयाग से केदारनाथ तक भारी अब्यवस्था हैं । यहां तक कि इस साल प्रशासन द्वारा यात्रा को लेकर मुख्य यात्रा पड़ाव पर यात्रा संबंधित बैठकों तक का आयोजन नहीं किया गया अगर सरकार गंभीर होती तो मुख्यमंत्री और उनके मंत्री धरातल पर उतरकर यात्रा व्यवस्थाओं का जायजा लेते

    उन्होंने कहा की जो बैठक मुख्यमंत्री धामी रुद्रप्रयाग जिला मुख्यालय पर ले रहे थे वह बैठक केदारनाथ धाम में भी ली जा सकती थी जिससे यात्रा व्यवस्था में तैनात सभी अधिकारियों को जमीनी सच्चाई का पता चलता लेकिन ना तो सरकार और ना ही अधिकारी यात्रा में आने वाली  अव्यवस्थाओं को उजागर होने देना चाहते हैं ऐसे में तीर्थ यात्रा पर आ रहे श्रद्धालुओं को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है

     उन्होंने कहा चार धाम यात्रा को शुरू होने में कुछ ही घंटों का समय है लेकिन सरकार और प्रशासन द्वारा स्थानीय लोगों के साथ समन्वय नहीं बनाया जा रहा है यात्रा पर निर्भर रहने वाली केदार घाटी के निवासियों का मनोबल भी प्रशासन द्वारा लगातार गिराया जा रहा है जिसके चलते घाटी के युवा बेरोजगार चेहरों के दिलों दिमाग पर मायूसी छाई हुई है सरकार के बेलगाम अधिकारी अपनी मनमर्जी पर उतारू है तथा यात्रा को अपने हिसाब से चलाना चाहते हैं , जो वहां के हक खूब धारी बेरोजगारी घोड़े खच्चर संचालक होटल व्यवसायिक एवं यात्रा मार्ग पर छोटा-छोटा व्यवसाय करने वाले स्थानीय लोगों की अवहेलना को दर्शाता है 

 श्री केदारनाथ यात्रा व्यवस्था को लेकर आज तक असमंजस की स्थिति बनी हुई  है । जहां हजारों वर्षों से इस सनातन धर्म की निरंतरता चलने वाली यह यात्रा एक आस्था का केंद्र बिंदु है वही आज हज़ारों उत्तराखंड वासियों खासकर जनपद रुद्रप्रयाग के निवासियों का मूल रूप से रोजगार का केंद्र बिंदु है । जिसका मुख्य रूप से तीर्थ पुरोहित समाज का पूजा-पाठ और छोटी मोटी पूजा सामग्री की दुकान का व्यवसाय आज उनसे छीना जा रहा है । उनकी मकान पर सरकार ने अधिकार कर दिया है और दुकान व व्यवसाय  को ध्वस्त कर दिया है, वहीं दूसरी तरफ घोड़ा खच्चर डंडी कंडी व आम मजदूर को भी रोजी रोटी आजीविका करने के लिए प्रशासन ने स्थानीय लोगो को बहुत परेशान कर रखा है होटल स्वामियों के लिए घाटी में यात्रियों की सीमित संख्या  करके संकट में दाल दिया है

 जहां एक तरफ गुप्तकाशी से लेकर पूरी  केदार घाटी में डेढ़ लाख तीर्थयात्रियों की रहने की जगह और घुमने वाली आबादी की समग्र व्यवस्था का निर्माण हो चुका है, वहीं दूसरे तरफ प्रशासन क्षेत्र में केवल 18000 यात्रियों को जाने जो अनुमति दे रहा है जो क्षेत्रवासियों की आय के लिए बड़ा चिंता का विषय  बना हुआ है जबकी भगवान भोलेनाथ की आस्था के समंदर को संभव रूप से चलने दिया जाना चाहिए था और आज अगर जरूरत थी तो सिर्फ इस बात की कि तीर्थ यात्रियों को समस्त रूप से सुविधा उपलब्ध करने की जरूरत है या घोड़ा खच्चर समय पर उपलब्ध हो व नियम कानूनों  के अनुपालन का उल्लांघन ना हो और उनके साथ किसी प्रकार का दुर्व्यवहार या कोई दुर्घटना न घटे इस प्रकार के बंधन की जरूरत थी  

   लेकिन प्रशासन ने अस्थानीय लोगों का जीना हराम करा हुआ है, दुनिया भर के प्रतिबंध लगाकर लोगों के रोज़गार के ठिकानों को ध्वस्त कर दिया गया है  जो लोगों के हक हकुकों के साथ खिलवाड करने के समान है वर्तमान सरकार का चाल चरित्र और चेहरा भ्रष्टाचार को उजागर करता है सरकार और प्रशासन के इस फैसले के खिलाफ अस्थानीय जनता मे रोश ब्याप्त है 

 उन्होंने कहा कि सरकार शराब माफिया और खनन माफियाओं के हाथों मे खेल रही है बेरोजगार युवा धक्के खा रहे हैं यात्रा मार्ग पर अपने लिए अस्थायी रोजगार के अवसर तलाश रहे हैं लेकिन सरकार को उनकी आवाज सुनाई नही दे रही है

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