ट्रैक्टर ट्राली से गिरी दो छात्राएं, टायर के नीचे आने से दोनों की दर्दनाक मौत।
स्कूल न होने के चलते घर से 12 किलोमीटर दूर पढ़ने जाती थी मृतक छात्राएं।
जिस ट्राली से घर जा रही थी उसी की चपेट में आईं दोनों मृत छात्राएं
चंपावत जिले के एक दूरस्थ गांव में ट्रैक्टर ट्राली की चपेट में आने से दो छात्राओं की दर्दनाक मौत हो गई। ये दोनों छात्राएं स्कूल से घर लौट रही थीं।
टनकपुर। जनपद चंपावत के सुदूरवर्ती गांव में ट्रैक्टर ट्राली की चपेट में आने से दो छात्राओं की दर्दनाक मौत हो गई। ये दोनों छात्राएं स्कूल से घर उसी ट्रेक्टर ट्रॉली से लौट रही थीं। छात्राओं की मौत से पूरे क्षेत्र में मातम पसर गया है।
धूरा के ग्राम प्रधान कमल किशोर और बुड़म के पूर्व ग्राम प्रधान महेश बोहरा ने बताया कि 8 मई को अपराह्न को हाईस्कूल में पढ़ने वाली दोनों छात्राएं सूखीढांग-डांडा-मीडार सड़क पर बुड़म से कुछ दूरी पर स्कूल से अपने-अपने घरों को जा रहे थे। इस बीच सड़क से गुजर रहे एक ट्रैक्टर ट्राली पर चढ़ गए। सड़क के एक मोड़ पर एकाएक दोनों छात्राएं ट्राली से असंतुलित होकर लुढ़कीं और पहिये की चपेट में आने से कुचल गई।
दोनों छात्राओं (बुड़म ग्राम पंचायत के सुकनी तोक की कविता (17) पुत्री हर सिंह और अनीता (16) पुत्री कौशल सिंह बुड़म तोक) की मौके पर ही मौत हो गई।
घटना की जानकारी के पश्चात चल्थी चौकी से पुलिस की टीम मौके पर पहुंची। पंचनामा भरने के बाद शवों को पोस्टमार्टम के लिए टनकपुर उप जिला अस्पताल भेजा गया है। गाव के नजदीक स्कूल नहीं होने से बुड़म की ये छात्राएं 12 किलोमीटर दूर तलियाबांज स्कूल जाती थी। उत्तराखण्ड सरकार को इस तरह से दूरस्थ गावों के बच्चों की शिक्षा के लिए प्रयास करने आवश्यक हैं क्योंकि जंगली जानवरों के खतरे ओर बच्चो का घर से इतनी दूर पढ़ने को बिना किसी साधन के जाना न्याय संगत नही है।