प्यासे रहने को मजबूर सांकला बाजार में रहने वाले लोग

गर्मियों की आहट ने दस्तक दी तो नल के हलक सूख गए,
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 प्यासे रहने को मजबूर सांकला बाजार में रहने वाले लोग । 


मनमाना रवैये के चलते हलक और नल तो सूखने ही थे पर विभाग सोया है कुम्भकर्णी नींद में। 

अतिआवश्यक सेवा होने के बाद भी नहीं की गयी कोई वैकल्पिक व्यवस्था क्या यही दिन देखने को डबल इंजन लगाया गया था। 

गर्मियों की आहट ने दस्तक दी तो नल के हलक सूख गए। 

क्या हर बार की तरह इस बार भी 2 किलोमीटर दूर से पानी लाने को मजबूर रहेंगे ग्रामीण या विभाग रहम करेगा। 

गर्मियों की आहट अब शुरू हो गया तो पेयजल का संकट जो कि कृत्रिम रूप से पैदा किया जा रहा है। पेयजल स्रोत पर पेयजल की सप्लाई के लिए पर्याप्त पानी होने के बाद भी हलक सूख रहें हैं तो जलसंस्थान रुद्रप्रयाग है वह जिम्मेदार है। 

स्रोत पर पर्याप्त पेयजल होने के बाद भी नहीं दी जा रही पानी की सप्लाई आखिर इसे मनमानी कहें या तानाशाही ये विचारणीय प्रश्न है।  एक तरफ मुलभुत सुविधाओं को जोड़ने की बात हो रही है दूसरी तरफ शिक्षा को बेहतरीन करने की जबकि सांकला बाजार में अपने पाल्यों को पढ़ने के लिए भी लोग किराये पर कमरा लेकर रहते हैं जिसके साथ साथ स्थानीय लोग भी रहतें हैं पर एक बून्द पानी के लिए तरसने को मजबूर होने का कारण क्या है यह विभाग को जाँच करके स्पष्ट करना होगा। 

गर्मियों के सीजन में सांकला बाजार जो कि मयाली गुप्तकाशी मोटर मार्ग पर स्थित है और बाजार में पेयजल सप्लाई के लिए जल संस्थान रुद्रप्रयाग द्वारा स्थापित नलों के हलक सूख गए जिससे स्थानीय व्यवसायियों के साथ साथ चन्दी गावँ जिसमें लगभग लगभग 85 परिवार है जल संस्थान रुद्रप्रयाग की लापरवाही के कारण प्राकृतिक पेयजल स्त्रोतों पर निर्भर हो गए हैं। 

यह पेयजल लाइन सिराईं सेरा लगझाड से जयंती गावँ ओर वल्ला ओर पल्ला सांकला के साथ साथ चन्दी गावँ के लिए निर्मित है। आश्चर्य की बात है कि इस लाइन पर  कंट्रोल लगाए गए हैं पेयजल की मुख्य लाइन पर कंट्रोल वो भी फिटर द्वारा नही अपितु कुछ शरारती तत्वों द्वारा लगाएं गये हैं।

इस पेयजल लाइन के साथ साथ स्वजल विभाग की पेयजल लाइन भी बनी हुई है जिसका भगवान मालिक है। स्वजल की पेयजल लाइनों की जांच होनी आवश्यक है किस उद्देश्य से बनी थी और कितने परिवारों के लिए बननी थी और कितने परिवारों के लिए बनी हैं।

जल संस्थान रुद्रप्रयाग इस खबर को देखकर कुम्भकर्णी नींद से जागेगा ओर सबसे पहले अपने स्थापित पेयजल नलों के हलक को तर करने का काम करेगा। उपभोक्ताओं से हर माह पेयजलापूर्ति के बदले किराया वसूलता है। इस पेयजल लाइन के उपभोक्ताओं का कहना है कि पेयजल आपूर्ति न होने पर विभाग के बिल नही देंगे।

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